लखनऊ डेस्क/ फाइलें निपटाने में हो रही लापरवाही पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने सख्त रुख अपनाया है। सभी विभागों के प्रशासनिक मुखिया को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि वे पिछले दो महीने में हर फाइल के निपटारे का ब्योरा अनुभागवार सीएम कार्यालय को दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनते ही 100 दिन के कामों के लिए हुए प्रजेंटेशन में सभी को आदेश दिए थे कि हर फाइल अधिकतम तीन दिनों में निपटाई जाए।
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को आदेश दिए हैं कि सीएम की मंशा है कि हर फाइल अधिकतम तीन दिनों में निपटा दी जाए। लेकिन सरकार को मिली जानकारी के मुताबिक ऐसा नहीं हो रहा है। लिहाजा मई और जून महीने में हर फाइल को नीचे से ऊपर तक पूरा होने में औसतन कितने दिन का समय लग रहा है, इसका ब्योरा इकट्ठा करके सचिवालय प्रशासन के माध्यम से 15 जुलाई तक सीएम कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए।
सचिवालय सूत्रों के मुताबिक बेहद जरूरी कामों की फाइलों को छोड़ दिया जाए तो आम तौर पर हर फाइल पर कम से कम 15 से 20 दिन का समय लगता है। इसमें यह फाइल निचले स्तर पर तैयार होकर विभाग के प्रशासनिक मुखिया के दस्तखत तक का समय शामिल है। वहीं बेहद जरूरी कामों के मामले में कार्रवाई तुरंत की जाती है।