लखनऊ डेस्क/ यहां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के बंद होने की खबरों के बीच टीसीएस कर्मियों ने रविवार को मार्च निकाला। कर्मियों ने राम मनोहर लोहिया पार्क से रिवर फ्रंट तक मार्च किया। इसमें कर्मचारियों के परिवार के लोग भी शामिल हुए। टीसीएस कर्मियों ने मार्च के दौरान सीएम योगी से गुहार लगाई। परिवार के लोगों ने हस्ताक्षर अभियान भी चालाया। कर्मियों का कहना था कि टीसीएस को यहां से बंद न किया जाए। इसे रोकने के उपाय किए जाएं।
कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उन पर ट्रांसफर लेने का दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने पर बाहर का रास्ता दिखाने की धमकियां तक मिल रही हैं। देवरिया जिले के रहने वाले TCS कर्मचारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया की परिवार में वो ही नौकरी कर रहे हैं। छोटे भाई की पढ़ाई चल रही हैं। अगर लखनऊ से TCS का सेंटर चला जाएगा तब हमारा ट्रांसफर बैंगलोर, इंदौर या अन्य किसी सेंटर पर कर दिया जाएगा। इससे भाई की पढ़ाई के लिए खर्च से लेकर मां के इलाज करने के लिए मुझे दौड़ना पड़ेगा। लखनऊ से देवरिया आना जाना आसान है, लेकिन दूसरे राज्य से आना-जाना मुश्किल होगा।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को टीसीएस के वीपी हेड आलोक कुमार व कुछ अन्य अधिकारी यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने आए थे। मगर इनकी मुलाकात सीएम से हो नहीं पाई। दरअसल सीएम ने कंपनी के सीईओ व सीओओ को इस मुद्दे पर बात करने के लिए बुलाया था, लेकिन उनकी जगह वीपी हेड व अन्य जूनियर अफसरों को मिलने भेज दिया गया। सूत्रों की मानें तो सीएम को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने जूनियर अधिकारियों से मिलने से मना कर दिया। इसके बाद कंपनी के आला अधिकारियों और सीएम कार्यालय के बीच हुई बातचीत के बाद यह तय हुआ कि टीसीएस के सीईओ व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात 10 अगस्त के बाद होगी।
अगर टीसीएस लखनऊ से शिफ्ट होता है तो यहां काम कर रहे करीब 2 हजार आईटी प्रोफेशनल्स और उनके परिवार के लिए दिक्कतें हो जाएंगी। इस मामले में इससे पहले यहां काम कर रहे वर्कर्स ने यूपी और केंद्र सरकार को लेटर लिखा था। लखनऊ में टीसीएस 1984 से ऑपरेट कर रही है। 1988 तक इसका ऑफिस राणा प्रताप मार्ग पर था। 1988 से 2008 तक ये स्टेशन रोड से ऑपरेट किया जाता रहा। 2008 में इसे गोमतीनगर शिफ्ट कर दिया गया।