यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। सरकार में कानून-व्यवस्था को सुधारने का एक संकल्प होना चाहिए, जो योगी सरकार में दिख रहा है। कानून व्यवस्था के नजरिए से दोनों सरकारों को नंबर देने के सवाल पर कहा कि यह अधिकार जनता को है। राम नाईक ने शनिवार को यूपी के राज्यपाल के रूप में अपना तीसरा साल पूरा किया। राजभवन में अपने तीसरे साल के कार्यवृत्त का लोकार्पण करने के बाद राज्यपाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि लिंगदोह कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव के पक्षधर हैं। उन्होंने बताया कि कुलपतियों की मीटिंग में भी उन्होंने छात्रसंघ चुनावों को लेकर चर्चा की थी। हालांकि, कुछ कुलपति चुनाव के पक्ष में नहीं थे। कुछ जगहों पर कानूनी कठिनाइयां भी हैं। लेकिन, छात्रसंघ का चुनाव होना चाहिए, जहां कठिनाइयां हैं उन्हें स्थानीय मंत्रियों के जरिए दूर किया जाएगा।
बजट सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच टकराहट के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि उसमें राजभवन का ज्यादा रोल नहीं है। यह विधानसभा का आंतरिक मामला है, जिसमें पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को होता है। कहा कि कार्यवाही के दौरान विपक्ष द्वारा विरोध और वॉकआउट होता है, लेकिन पूरी कार्यवाही का वॉकआउट ठीक नहीं है। बिना चर्चा के सदन कैसे चलेगा।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने पर रामनाथ कोविंद को बधाई दी। कहा कि यह उत्तर प्रदेश के लिए खुशी की बात है कि राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश का है। लेकिन, मेरे लिए इससे भी ज्यादा खुशी इस बात की है कि हमने साथ काम किया है। मैं लोकसभा का सदस्य था और वह राज्यसभा के सदस्य थे। इसके अलावा भी मैं बीजेपी में अनुशासन कमिटी का चेयरमैन था और राम नाथ कोविंद कमिटी के सदस्य थे। राज्यपाल ने बताया कि उनके शपथ ग्रहण में वे और सीएम दोनों यूपी का नेतृत्व करने के लिए जा रहे हैं।