यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश में लगातार घोटालों से जूझ रहे सिंचाई विभाग ने इससे निपटने के लिए नया तरीका निकाला है। अब नालों और नहरों की सफाई से लेकर बांध निर्माण आदि सभी कार्यों पर ड्रोन कैमरे नजर रखेंगे। विभाग इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत ईस्ट, वेस्ट, नॉर्थ और साउथ सर्किल में लागू करने जा रहा है। विभाग जल्द ही इन कैमरों की खरीद कर इसका प्रयोग करेगा।
सिंचाई विभाग के चीफ ईएनसी (डीपी) भुपेन्द्र शर्मा ने बताया कि हम लोगों ने शासन को इस अनोखा प्रयोग करने के बारे में सुझाव दिया गया था। जिसे मुख्य सचिव राजीव कुमार ने मान लिया है। हम लोग जल्द ही ड्रोन कैमरे खरीदकर इसे अमल में लाएंगे। जिससे प्रदेश में फैली 75000 हजार किलोमीटर की नहर पर होने वाली सिल्ट की सफाई से लेकर नालों और नहरों पर बेहतर काम हो सके।
यूपी के ईएनसी भुपेन्द्र ने बताया कि हम लोग ‘अक्टूबर’ तक कुछ पायलट प्रोजेक्ट शुरु करने जा रहे है। जिससे पहले हम लोग ड्रोन कैमरा खरीद लेंगे। वहीं शर्मा ने बताया कि कोई भी काम शुरू होने से पहले और काम पूरा होने के बाद इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी ड्रोन कैमरे से होगी। उन्होंने बताया कि हमारा मकसद साफ है कि सरकार के पैसों का इस्तेमाल सही जगह और बेहतर विकास कार्यों में लगाया जा सके। जिससे प्रदेश में विकास हो और किसानों को समय पर पानी खेतों में मिल सके। वहीं बांध की मरम्मत और रख रखाव में हुई अनियमितताओं पर लगाम लगाया जा सके।
यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बीते दिनों सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के नहरों की सिल्ट सफाई में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग द्वारा समय-समय पर निर्गत आदेशों के अनुपालन की रिपोर्ट प्राप्त कर अवगत कराया जाये कि निर्देशों का अनुपालन कितने प्रतिशत अभी तक सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि अनुपालन आख्या एवं विभागीय रिपोर्ट भी विभागीय वेबसाइट पर कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु अपलोड कराई जाये।