लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिला प्रशासन ने जनपद के सभी स्कूलों में स्टाफ, बस चालकों तथा परिचालकों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। यह कदम गुरुग्राम में एक निजी स्कूल में एक छात्र की हत्या के बाद उठाया गया है। जिला विद्यालय निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि राजधानी के सभी स्कूलों को स्टाफ, बस चालकों तथा परिचालकों के अनिवार्य सत्यापन के लिये एक प्रपत्र जारी किया गया है। अक्सर देखा गया है कि स्कूल इन कर्मियों तथा बच्चों को ले जाने वाले निजी वाहन चालकों का सत्यापन नहीं कराते। उन्होंने बताया कि आजकल स्कूल वाहन चालकों को रखते समय केवल उनके लाइसेंस की जांच करते हैं, जबकि उनकी पृष्ठभूमि के बारे में पता नहीं किया जाता। इससे भविष्य में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिये समस्या खड़ी हो सकती है।
मालूम हो कि लखनऊ के जिला प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा के सभी कदम उठाने और स्कूल बस चालकों तथा परिचालकों के स्मार्टफोन इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने के पहले ही आदेश दिए हैं। यह पाबंदी इसलिये लगायी गयी है, क्योंकि अक्सर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि वे बच्चों को स्मार्टफोन पर आपत्तिजनक एवं अश्लील चीजें दिखाते हैं।
उन्होंने बताया कि स्कूलों से यह भी कहा गया है कि स्कूल बसों में कोई भी धारदार चीज ना लायी जाए। स्कूल प्रशासन तथा शिक्षा विभाग समय-समय पर इसकी जांच भी करेंगे। यह आदेश गुरूग्राम में पिछले दिनों कक्षा दो के एक छात्र की स्कूल के शौचालय के अंदर गला काटकर हत्या किए जाने की सनसनीखेज वारदात के बाद जारी किया गया है। पुलिस ने उस मामले में एक स्कूल बस के परिचालक को गिरफ्तार किया था।