यूपी डेस्क/ योगी सरकार के फसल ऋणमोचन योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों के एक लाख रूपए तक के कर्ज माफ होने हैं। लेकिन यूपी के हमीरपुर जिले में सोमवार को किसानों के साथ भद्दा मजाक किया गया। यहां फसल ऋणमोचन योजना के अंतर्गत कई किसानों को महज 10 रुपए, 38 रुपए 221 रुपए और 4000 रुपए के कर्जमाफी का प्रमाण पत्र सौंपा गया। सरकार के इस मजाक से किसानों में खासा आक्रोश व्याप्त है। सोमवार को हमीरपुर जिले के प्रभारी मंत्री मन्नू कोरी खुद अपने हाथों से किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र देने पहुंचे। लेकिन जब कुछ किसानों को प्रमाण पत्र दिया गया तो उसे देखकर वे सन्न रह गए।
शांति देवी जिन्होंने फसल बोने के नाम पर बैंक से 1 लाख रुपए कर्ज़ लिया था, लेकीन इनको जो ऋणमाफी का प्रमाण पत्र दिया गया है, उसमें 10.36 रुपए का कर्ज माफ है। एक दूसरे किसान यूनुस खान, जिसने 60 हजार रुपए बीज और खाद के लिए कर्ज लिया था, उसे जो कर्ज़ माफी का प्रमाणपत्र सौंपा गया, उसमें महज 38 रुपए की कर्ज़ माफी की गई है। यही हाल कई अन्य किसानों का है, जो एक लाख कर्ज़माफी की आस में यहां आए थे।
हमीरपुर जिला मुख्यालय के परेड ग्राउंड में आज किसानों के कर्ज माफी के प्रमाण पत्र देने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में कई बीजेपी नेता सहित प्रभारी मंत्री मंन्नु कोरी ने प्रमाण पत्र का वितरण किया। इस प्रमाण पत्र में महज 10 रुपए से लेकर 38 रुपए, 300 रुपए या 4000 हजार कर्ज माफी की रकम दर्ज थी। यह रकम किसानों के कर्ज से कई गुना कम थी। इसी वजह से ये किसान योगी सरकार की इस योजना से खुद को ठगा हुए महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र पिछले कई वर्षों से सूखे की चपेट में है। यही वजह है कि कर्ज के बोझ तले डूबे सैकड़ों किसान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसे में जब योगी सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की तो यहां के किसानों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं था। यहां किसान मौसम की मार से अपनी सारी फसलों के साथ-साथ अपनी जमा पूंजी भी गवां चुके हैं। ऐसे में 10 रुपए, 38 रुपए, या 300 रुपये के कर्ज माफ से इन किसानों का कोई भला नही होने वाला।