यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए योगी सरकार लगातार नए प्रयोग कर रही है। चाहे वह रिटायर्ड डॉक्टरों को संविदा पर रखने की बात हो या आयुष डॉक्टरों की पीएचसी में तैनाती, सरकार लगातार प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर करने की कोशिश में लगी हुई है। अब इसी क्रम में सरकार ने एक और बड़ा प्रयोग करने जा रही है| इसके तहत उत्तर प्रदेश के सभी बड़े शहरों के जाने-माने प्राइवेट डॉक्टरों को सरकार गरीब मरीजों तक पहुंचाने की तैयारी में है। इसके तहत प्राइवेट डॉक्टर शहर के जिला अस्पताल में बैठेंगे और मरीज देखेंगे।
दरअसल ये वो डॉक्टर हैं, जिनके क्लीनिक या अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों की लंबी लाइनें लगती हैं। सरकार की कोशिश है कि इस व्यवस्था से गरीब मरीज को अपने ही शहर के नामी डॉक्टर से बिना लाइन और बिना महंगा खर्च उठए ही परामर्श मिल जाए। इसके लिए योगी सरकार एक ऐप भी तैयार करवा रही है। इस एप में एक क्लिक पर मनचाहे डॉक्टर से गरीब मरीज संपर्क कर सकेंगे। इस दौरान परामर्श की फीस प्राइवेट डॉक्टरों को राज्य सरकार से मिलेगी।
यही नहीं प्राइवेट डॉक्टर शहर के जिला अस्पताल में बैठकर मरीज भी देंखेगे। इसका पूरा विवरण उस जिले के सीएमओ के पास रहेगा। सरकार प्राइवेट चिकित्सकों से अपील भी कर रही है जब उनके पास खाली समय हो, तब भी मरीजों की वो सेवा करें। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हमारी आईएमए के माध्यम से प्रदेश के कई प्राइवेट डॉक्टर्स से बात हुई। इसमें उन्होंने इच्छा जाहिर की कि वे खाली समय सरकार को देना चाहते हैं। प्रदेश में कई स्पेशलिस्ट और जाने माने डॉक्टर्स हैं। उनकी उपलब्धता के अनुसार एक एप बन रहा है। जिस पर रजिस्ट्रेशन होगा। हम जल्द ही इसे लांच करेंगे। ट्रायल के तौर पर सहारनपुर में 65 डॉक्टर इस तरह की सेवाएं दे रहे हैं। वे ओपीडी के साथ ही आॅपरेशन भी नि:शुल्क कर रहे हैं।