यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिलों में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने के सख्त निर्देश जिलों के डीएम व राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। इस आदेश के पालन में अधिकारी भी जुटे हुए हैं. लेकिन कई जगह इसमें सत्ता पक्ष से ही रुकावटे खड़ी हो रही हैं। ऐसा ही मामला बाराबंकी में सामने आया है। जहां कब्जा हटाने गई टीम के विरोध में बीजेपी की सांसद प्रियंका सिंह रावत ही खड़ी हो गईं।
मामला थाना सफदरगंज क्षेत्र के चैला गांव का है. आरोप है कि यहां तालाब व सरकारी स्कूल की ज़मीन पर वहां के बीजेपी के मंडल अध्यक्ष आलोक सिंह का कब्ज़ा है। इस अवैध अतिक्रमण को हटाने गये नायब तहसीलदार व राजस्व विभाग की टीम से ग्रामीणों की नोकझोंक हो गई। मौके पर एसडीएम अजय कुमार द्विवेदी को बुलाया लिया गया।
उनसे सांसद प्रतिनिधि राजेश वर्मा की नोकझोंक होने लगी। इस दौरान ग्रामीणों की संख्या बढ़ती देख एसडीएम मौके से जाने लगे। इस दौरान सांसद प्रियंका सिंह रावत पहुंच गईं। इसके बाद सांसद और एसडीएम के बीच भी नोंकझोंक देखने को मिली। इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं में खांसा तनाव देखते हुए थाना पुलिस सफदरगंज व एसडीएम के सुरक्षाकर्मी एसडीएम को घेरे मे लेकर चलने लगे। इस दौरान बीजेपी सांसद प्रियंका रावत एसडीएम के लिए, खेद दो जरा इसे, पकड़ो इसे मारो जैसी भाषा का प्रयोग करती सुनाई दीं। यहीं नहीं बीजेपी सांसद ने एसडीएम को बाराबंकी में जीना मुश्किल करने तक कि धमकी दे डाली।