यूपी डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि परिवहन और पर्यटन भारत की सांस्कृतिक एकता को सुदृढ़ करते हैं इसलिए पूरे देश में पर्यटन एवं परिवहन सेवाओं और सुविधाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम और सुदृढ़ बनाने के लिए उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश और जम्मू और कश्मीर राज्य के मध्य पारस्परिक परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समझौता केदारनाथ को विश्वनाथ और अमरनाथ को विश्वनाथ से जोड़ने का प्रयास है। ये समझौते प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने में सहायक होंगे।
इसी प्रकार जम्मू और कश्मीर राज्य उत्तर प्रदेश में भी तीन मार्गों- जम्मू-लखनऊ वाया दिल्ली-कानपुर और वापसी (1229 किलोमीटर), जम्मू-अलीगढ़ वाया आईएसबीटी, कश्मीरी गेट और आईएसबीटी, सराय काले खां वाया यमुना एक्सप्रेस-वे और वापसी (864 किलोमीटर) तथा जम्मू-आगरा वाया आईएसबीटी, कश्मीरी गेट तथा आईएसबीटी, सराय काले खां वाया यमुना एक्सप्रेस-वे और वापसी (927 किलोमीटर) पर बसों पर संचालन किया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मंगलवार को ऐतिहासिक दिन बताया। इसी दिन उत्तराखण्ड में ई-चालान, स्मार्ट डीएल तथा स्मार्ट रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की गई और 17 वर्ष की लम्बी प्रतीक्षा के बाद दोनों राज्यों के बीच समझौता सम्भव हुआ है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि योगी की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मध्य 36 नहरों और अलकनन्दा होटल आदि के बारे में समझौता सम्भव हुआ है। कार्यक्रम को जम्मू और कश्मीर राज्य के परिवहन मंत्री सुनील कुमार शर्मा, उत्तराखण्ड राज्य के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्रदेव सिंह ने भी सम्बोधित किया |