यूपी डेस्क/ केंद्र सरकार तीन तलाक को आपराधिक घोषित करने वाले विधेयक को गुरुवार को संसद में पेश करेगी। एक तरफ जहां कई मुस्लिम संगठन इस विधेयक के विरोध में उतर आए हैं, वहीं तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं ने इस विधेयक के संसद में पेश होने का स्वागत किया है। इन महिलाओं ने कहा है कि उनके लिए आज (गुरुवार) का दिन ईद और बकरीद से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
बता दें की ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड (एआईएम्पीएलबी) ने इस विधेयक का विरोध किया है। उधर, मुस्लिम महिला संगठनों ने भी कहा है कि अगर यह विधेयक कुरान की रोशनी और संविधान के दस्तूर पर आधारित नहीं होगा तो इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। हालांकि, तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं ने इस विधेयक का स्वागत किया है। तीन तलाक पर आधारित विधेयक संसद में पेश होने पर खुशी जाहिर करते हुए आगरा की फैजा खान ने कहा, ‘हमें बहुत खुशी है। मोदी जी (पीएम नरेंद्र मोदी) और योगी जी (सीएम योगी आदित्यनाथ) की तरफ से मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया आज सफल होने जा रही है। मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी में आज का यह दिन ईद और बकरीद से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।’
उधर, तीन तलाक और निकाह हलाला को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली शायरा बानो ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि महिलाओं के हक में उनकी लड़ाई जारी रहेगी। बता दें कि उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली शायरा बानो ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। शायरा की शादी 2001 में हुई थी और 10 अक्टूबर 2015 को उनके पति ने उन्हें तलाक दे दिया था। अर्जी में शायरा ने कहा था कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने शायरा की मांग मानते हुए तीन तलाक को अंसवैधानिक घोषित कर दिया।