यूपी डेस्क/ धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से निपटने के लिए सरकार नया कानून बनाने जा रही है। इसके लिए दो तरह के कानून बनाने पर विचार हो रहा है- डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट और डैमेज टू पब्लिक प्रॉपटी एक्ट। इसके तहत सरकारी संपत्ति को जो भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई संबंधित व्यक्ति, प्रदर्शनकारी और प्रदर्शन आयोजित करने वाले संगठन से की जाएगी। इसके लिए गृह विभाग के सचिव की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि सोमवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर निर्णय लिया गया। इस एक्ट में क्लेम टिब्यूनल भी बनाया जाएगा जो पब्लिक प्रॉपर्टी के नुकसान का आकलन कर रिकवरी आदेश जारी करेगा। रिकवरी न होने पर आरसी जारी कर वसूली की जाएगी। प्रमुख सचिव गृह के अनुसार इस कानून में सरकारी बिल्डिंग या दीवारों पर विज्ञापन की पेंटिंग कराना, दीवारों पर पोस्टर चिपकाना और दीवारों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया कोई कृत्य भी आएगा।
हालांकि इस पर पहले से अमल किया जा रहा है। अभी किसी प्रदर्शन के समय पुलिस कर्मियों द्वारा वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी तो की जाती है, लेकिन फिलहाल इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। क्लेम टिब्यूनल बनने के बाद इसका रिकार्ड भी रखना होगा। अभी तक धरना-प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए कोई प्रावधान नहीं था। ऐसे मामलों में अभी तक आपराधिक मामले के तहत ही कार्रवाई होती है। अधिक नुकसान होने पर प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ 7 क्रिमनल लॉ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। नए कानून में सिर्फ प्रदर्शनकारी से ही नहीं बल्कि प्रदर्शन के पीछे कौन लोग थे, किसी की ओर से आयोजन किया गया था? उन्हें भी चिह्नित करके कार्रवाई का प्रावधान होगा।