नई दिल्ली डेस्क/ दिल्ली अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि उनके सहित कुछ मुख्यमंत्रियों को अंतर राज्यीय परिषद् की बैठक में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया और आश्चर्य जताया कि क्या उनसे ‘सुरक्षा को खतरा’ है।
केजरीवाल ने कहा कि कुछ मुख्यमंत्रियों को बैठक स्थल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी गई जबकि कुछ अन्य को अपने फोन अंदर ले जाने की अनुमति मिली। आप प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी फोन नहीं ले जाने दिया गया और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ममता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई जबकि उनके भाषण में ‘बाधा’ डाली गई।
केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मेरे साथ साथ कुछ मुख्यमंत्रियों का फोन बाहर रखवा लिया। यह काफी विचित्र था। उन्होंने कुछ मुख्यमंत्रियों के फोन बाहर रखवा दिए जबकि कुछ को अपने फोन अंदर ले जाने की अनुमति मिली। मैंने अपने भाषण में इस मुद्दे को उठाया। मैंने प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या कुछ मुख्यमंत्रियों से उनकी सुरक्षा को खतरा है।
वह आईआईटी खड़गपुर के अपने सहपाठी प्राण कुरूप की पुस्तक ‘अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी’ का कंस्टीट्यूशन क्लब में विमोचन करने के अवसर पर बोल रहे थे। केजरीवाल ने कहा कि वास्तव में ममता जी ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि फोन लौटाइए अन्यथा मैं चली जाउंगी। उन्होंने पूछा कि क्या पश्चिम बंगाल में आपातकाल है, लोग उनसे संपर्क कैसे करेंगे? इसके बाद उन्होंने उन्हें फोन अंदर ले जाने की अनुमति दी। लेकिन उन्होंने ममताजी को बोलने नहीं दिया। मुझे भी काफी बाधा पहुंचाई।
केजरीवाल ने पूछा कि अगर केंद्र विपक्ष की आवाज सुनना नहीं चाहता है तो उन्हें आमंत्रित क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि अन्य ने विरोध नहीं किया, हो सकता है कि सीबीआई के दायरे में होने के कारण उन्होंने ऐसा किया हो। अंतरराज्यीय परिषद् की बैठक शनिवार को दस सालों के अंतराल पर हुई थी।