ढाका डेस्क/ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी दल BNP की प्रमुख खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी राहत मिल गई, जब कोर्ट ने उन्हें चार महीने की जमानत दे दी। उन्हें जमानत मिलने के बाद उनकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। खालिदा को ‘जिया आर्फनेज ट्रस्ट’ के लिए विदेशी चंदे में करीब ढाई लाख डॉलर के गबन को लेकर आठ फरवरी को पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट ने इसी मामले में सोमवार को उन्हें जमानत दे दी।
खालिदा को उच्च न्यायालय ने चार महीने की अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एम इनायेतुर रहीम तथा न्यायमूर्ति शाहिदुल करीम की पीठ ने मामले से जुड़े दस्तावेज निचली अदालत से मिलने के बाद यह फैसला सुनाया। खालिदा और उनके तीन सहयोगियों पर ‘जिया चैरिटेबल ट्रस्ट’ से तीन करोड़ 15 लाख टका के गबन का आरोप है। यह भी आरोप है कि उनकी अगुवाई में उनके बेटे सहित पांच लोगों ने दो लाख 77 हजार डॉलर का गबन किया।
ढाका की विशेष अदालत-5 ने जहां जिया को इस मामले में पांच साल कैद की सजा सुनाई थी, वहीं उनके बेटे तारिक रहमान और चार अन्य को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई से बचने की जिया की अंतिम कोशिश भी 30 नवंबर, 2014 को तब नाकाम हो गई थी, जब सुप्रीम कोर्ट ने उनके अभ्यारोपण को चुनौती देने वाली उनकी अपील को स्वीकार नहीं किया था और उनसे निचली अदालत में सुनवाई का सामना करने को कहा था।
इससे पहले 19 मार्च, 2014 को हाईकोर्ट ने निचली अदालत में उस सुनवाई को सही ठहराया था। भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) ने उन पर भ्रष्टाचार के 2 आरोप लगाए थे। एसीसी का आरोप है कि यह ट्रस्ट और एक अन्य ट्रस्ट-जिया चैरिटेबल ट्रस्ट बस कागजों पर थे और जब जिया 2001-2006 की BNP सरकार के दौरान प्रधानमंत्री थीं, तब इन दोनों संगठनों के नाम पर बड़ी मात्रा में धन की हेराफेरी की गई थी।