लखनऊ डेस्क/ बर्लिंग्टन स्थित डॉ. एसके जैन की क्लीनिक में मरीजों को लाल-पीले रंग के जो कैप्सूल खिलाए जाते थे, वह प्रतिबंधित दवा स्टेरॉयड है। लैब जांच रिपोर्ट में यह सच सामने आया है। जांच में दवा के सभी छह नमूने फेल पाए गए हैं। एफएसडीए ने बीती 25 जनवरी को जैन क्लीनिक पर छापेमारी कर दवा के नमूने जांच को भेजे थे।
लैब जांच को भेजे गए दवा के छह में से तीन नमूने स्टेरॉयड की मौजूदगी के कारण अनसेफ श्रेणी में फेल आए हैं। जबकि तीन अन्य नमूने पैकेजिंग एक्ट के उल्लंघन व घटिया गुणवत्ता के कारण सबस्टैंडर्ड आधार पर सुरक्षित श्रेणी में फेल हुए हैं। औषधि निरीक्षक रमाशंकर ने बताया कि दवा नमूनों की फेल रिपोर्ट के आधार पर क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉक्टर कहते हैं कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल कई गंभीर साइड इफेक्ट पैदा करता है,ज्यादा इस्तेमाल से मौत तक हो सकती है। इससे आदमी नपुंसक तक बन सकता है। चेहरे पर मुहांसों का कारण बनता है और गुस्सैल बनाता है। शरीर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं, जहां इसके नुकसान पहुंचाने की आशंका नहीं हो। यही वजह है कि कभी कोई डॉक्टर इसे लेने की सलाह नहीं देता और दुनिया भर में इसकी खुली बिक्री पर बैन लगा है।
हड्डियों से जुड़ी परेशानी लेकर जब कोई मरीज डॉक्टर के पास जाता है तो वो उससे यह जरूर पूछता है कि कभी स्टेरॉयड का सेवन तो नहीं किया। इसका नियमित सेवन लीवर को तो क्षतिग्रस्त करता ही है, साथ ही लीवर कैंसर का कारण भी बनता है। युवा अवस्था में स्टेरॉयड का सेवन हार्टअटैक का कारण भी बनता है। इसके साथ त्वचा रोग सहित अन्य रोग भी इसके प्रमुख साइड इफेक्ट हैं।