मुंबई डेस्क/ देश के निजी क्षेत्र के चौथे सबसे बड़े बैंक यस बैंक ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) के लिए जीएसटी समर्थित ‘यस जीएसटी’ ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधा लांच किया है। अपनी तरह की इस पहली सेवा के तहत एमएसएमई को 1 करोड़ रुपये तक की ओडी सुविधा मिल सकेगी, जो उनके जीएसटी रिटर्न्स पर आधारित होगी।
यस बैंक ने एक बयान में कहा कि एमएसएमई को 1 करोड़ रुपये की ओडी सुविधा केवल उनके जीएसटी रिटर्न्स के आधार पर दी जाएगी और इसके लिए किसी बैंलेंस शीट या बैंक स्टेटमेंट की जरूरत नहीं होगी।
यह ओडी सुविधा एक एमएसएमई द्वारा आवासीय या वाणिज्यिक संपत्ति को बंधक रखकर भी हासिल की जा सकती है। उसके बाद मंजूर राशि का उपयोग एमएसएमई या तो पूरी तरह से कर सकते हैं या फिर उसके अंश का उपयोग कर सकते है। बैंक वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ‘यस जीएसटी’ के जरिए 1,000 करोड़ रुपये का वितरण करने का लक्ष्य रखता है। यस बैंक ने 31 मार्च 2018 तक एमएसएमई को कुल 32,500 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया है।
यस बैंक के समूह अध्यक्ष और समूह प्रमुख (शाखाएं और खुदरा बैंकिंग) राजन पेंटल ने कहा, “एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार के एजेंडे के अनुसार यस बैंक एमएसएमई को अपने कारोबार को विकसित करने के लिए मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।”