उलानबटार डेस्क/ भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को मंगोलियाई प्रधानमंत्री यू खुरेलसुख से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की। इससे पहले विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष दामदिन त्सोग्बातर से मुलाकात की। भारत और मंगोलिया के विदेश मंत्रियों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किया है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में हिस्सा लेने और चीन की चार दिन की यात्रा के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगलवार शाम मंगोलिया पहुंची। सुषमा स्वराज यहां दो दिन के राजकीय दौरे पर आईं है।
समझौतों पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर करने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, हमने कुछ ग्लोबल चुनौतियों पर चर्चा की जिसका सामना मानवता कर रही है विशेषकर आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने वाले देशों को हटाने के साथ इससे निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग की बात की।
पिछले 42 सालों में संसाधनों से प्रचुर इस देश में आने वाली वह पहली भारतीय विदेश मंत्री हैं। मंगोलिया के उप-विदेश मंत्री बी. बत्सेतसेग ने हवाईअड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके बाद वे गंडन टेग्चिनलेन मोनास्ट्री गयीं जहां उनका स्वागत मंगोलियन बौद्ध के प्रमुख हंबो लामा ने किया। सुषमा स्वराज इन दो दिनों में इस बौद्ध देश के साथ राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, 42 साल में पहली बार किसी भारतीय विदेश मंत्री का मंगोलिया दौरा। हमारी साझा बौद्ध विरासत दोबारा जुड़ रही है। अपने मंगोलिया दौरे के दौरान सुषमा ‘भारत-मंगोलिया संयुक्त समिति’ के छठे दौर की बैठक करेंगी। व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, स्वास्थ्य, कृषि, संस्कृति, शिक्षा, संचार और पर्यटन के क्षेत्र में भारत और मंगोलिया में करीबी संबंध हैं। दोनों देश सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद पर लगाम लगाने की दिशा में भी मिलकर काम कर रहे हैं।