नई दिल्ली डेस्क/ इस सप्ताह के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होनेवाली बैठक से पहले भारतीय उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि यह द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के अवसर के साथ-साथ अमेरिका द्वारा उठाए गए संरक्षणवादी कदमों से विश्व व्यापार पर दबाव कम करने के कदम उठाने का भी अवसर करार दिया है।
शी और मोदी चीन के वुहान शहर में 27-28 अप्रैल को बैठक करेंगे, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो तथा आपसी चिंता के वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
फिक्की ने यहां एक बयान में कहा, हालांकि विश्व व्यापार में चीन के बढ़ते प्रभुत्व ने वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावनाओं को कम करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, भारत ने पिछले कुछ महीनों से दिखाया है कि वे इस मुद्दे पर कुछ गंभीर विचार-विमर्श के लिए सेवाप्रदाता की भूमिका निभा सकते हैं।
फिक्की के अध्यक्ष रशेश शाह ने एक बयान में कहा, यह उत्साहजनक है कि चीन ने संकेत दिया है कि इस बैठक से वैश्वीकरण और संरक्षणवाद के बढ़ते खतरे को लेकर कुछ सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मार्च में स्टील पर 25 फीसदी और अल्युमिनियम पर 10 फीसदी का आयात शुल्क लगाया था। इसके जवाब में चीन ने अप्रैल में 128 अमेरिकी उत्पादों पर 25 फीसदी आयात शुल्क बढ़ा दिया था, जिसमें शीतलीकृत सूअर के मांस से लेकर शराब और कुछ फल और नट शामिल हैं।