नई दिल्ली डेस्क/ रिजर्व बैंक ने डिजिटल माध्यम से लेनदेन बढ़ने के साथ ही ग्राहकों को इसमें होने वाली धोखाधड़ी के प्रति सतर्क किया है। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि डेबिट, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी होने पर ग्राहक को घबराये बिना तीन कार्यदिवस के भीतर उसकी रिपोर्ट करनी चाहिये, उसके बाद पूरी जवाबदेही बैंक की होगी। सरकार की ओर से डिजिटल माध्यम से लेन-देन पर जोर देने के साथ इस माध्यम से भुगतान का चलन बढ़ रहा है। इसके साथ ही इससे जुड़ी गड़बड़ियां भी बढ़ रही हैं।
केंद्रीय बैंक ने आज से देशभर में ‘वित्तीय साक्षरता सप्ताह’ की शुरुआत की है। इसमें बताया गया है कि एटीएम से असफल लेन-देन, जानकारी दिये बिना बैंक खाते में शुल्क लगना आदि के बारे में ग्राहक अपनी शाखा में शिकायत कर सकते हैं। एक माह के अंदर समाधान नहीं होता है तो वे बैंकिंग लोकपाल के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। चार जून से आठ जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम में बैंक ग्राहकों के बीच वित्तीय उत्पादों और सेवाओं, अच्छी वित्तीय गतिविधियों तथा डिजिटिल माध्यम के उपयोग के बारे में जागरूकता लाने पर जोर दिया गया।
केंद्रीय बैंक के अनुसार अगर ग्राहक किसी तीसरे पक्ष द्वारा डिजिटल तरीके से लेन-देन में गड़बड़ी के बारे में तीन कार्यदिवस के भीतर अपनी बैंक शाखा में शिकायत कर देता है तो उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। तब पूरी जवाबदेही बैंक की होगी। हालांकि, गड़बड़ी की शिकायत में देरी होती है और ग्राहक चार से सात कार्यदिवस में शिकायत करता है तो लेनदेन की अधिकतम देनदारी प्राथमिक खातों (बीसीबीडी) के मामले में 5,000 रुपये तथा अन्य बचत खातों तथा क्रेडिट कार्ड (5 लाख रुपये तक की सीमा) के लिये 10,000 रुपये की देनदारी बनेगी।
वहीं सात कार्य दिवस से अधिक समय तक आप गड़बड़ी या धोखाधड़ी की जानकारी नहीं देते हैं तो बैंक की नीति के अनुसार ग्राहकों की देनदारी तय होगी।
रिजर्व बैंक सहायक महाप्रबंधक (एफएलसी) डी बी भट्टाचार्य ने कार्यक्रम से इतर बातचीत में दावा किया, ‘‘दुनिया में भारत एकमात्र देश है जहां डिजिटल लेन-देन में धोखाधड़ी से निपटने के लिये इस तरह की व्यवस्था की गयी है।’’