नई दिल्ली डेस्क/ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के बचपन की इच्छा आज पूरी हो गई। 41 वर्षीय अनुराग ठाकुर शुक्रवार को एक नियमित अधिकारी के तौर पर टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती हो गए। पद मिलने के बाद ठाकुर सेना की वर्दी पहनकर पार्लियामेंट भी आए।
आर्मी चीफ जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने गुरुवार को साउथ ब्लॉक में उन्हें इस पद पर कमिशन्ड किया। अनुराग ने ट्विटर के जरिए इस बात की जानकारी दी और इस सम्मान को सपना सच होने जैसा बताया।
अनुराग ने लिखा, ‘मेरे दादा ने आर्मी को अपनी सेवाएं दी थीं और यूनिफॉर्म पहनकर देश की सेवा करना मेरे बचपन का सपना था। एक तरफ जहां मैं संसद में लोगों की आवाज बनकर उनकी सेवा करता रहूंगा वहीं टेरिटोरियल आर्मी में बतौर लेफ्टिनेंट देश की सेवा करूंगा।’
शुक्रवार को आर्मी की यूनिफॉर्म में पार्लियामेंट पहुंचे ठाकुर ने कहा है कि यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। मैं हमेशा से सेना की यूनिफॉर्म पहनना चाहता था और देश की सुरक्षा में योगदान देना चाहता था। लेकिन कुछ वजहों से ऐसा नहीं हो नहीं सका। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी ट्रेनिंग और देश की सेवा करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं।
एग्जाम और इंटरव्यू के बाद हुआ चयन
टेरिटोरियल आर्मी के लिए ठाकुर का चयन एक परीक्षा, चंडीगढ़ में इंटरव्यू पास करने के बाद हुआ है। उनकी भोपाल में 9 दिन की ट्रेनिंग भी हुई है। इससे पहले बाड़मेर से बीजेपी सांसद रह चुके मानवेंद्र सिंह भी टैरिटोरियल आर्मी में रह चुके हैं। टेरिटोरियल आर्मी कोई पेशा या रोजगार का माध्यम नहीं है। यह उन लोगों के लिए है, जो पहले से असैन्य पेशों में कार्यरत हैं। असल में, क्षेत्रीय सेना में शामिल होने के लिए किसी असैन्य पेशे में रोजगार या स्वरोजगार होना अनिवार्य है। क्षेत्रीय सेना नियमित सेना के बाद दूसरी रक्षा पंक्ति है। इसमें वे स्वयंसेवी शामिल होते हैं, जो एक साल में लगभग एक महीने का सैन्य प्रशिक्षण लेते हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उन्हें देश की रक्षा के लिए तैनात किया जा सके।