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पीड़ित परिवार के साथ-साथ लोगों से सच्चाई छुपा रही है सरकार: अखिलेश

पीड़ित परिवार के साथ-साथ लोगों से सच्चाई छुपा रही है सरकार: अखिलेश

लखनऊ डेस्क/ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सोमवार को पुलिस की गोली से मारे गए एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी के परिजनों से मिलने महानगर स्थित आकाश गंगा अपार्टमेंट स्थित घर पहुंचे। उन्होंने पूरे परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और मीडिया से कहा कि सरकार व पुलिस पीड़ित परिवार के साथ-साथ लोगों से सच्चाई छुपा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ है। इस दौरान उनके साथ पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी सहित तमाम सपा नेता मौजूद रहे। अखिलेश की मुलाकात के दौरान मीडिया का प्रवेश वर्जित था। भेंट करने के बाद बाहर आए अखिलेश ने मीडिया से कहा, “सरकार और पुलिस विवेक तिवारी की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार के साथ-साथ लोगों से सच्चाई छुपा रही है। पुलिस अगर पीड़ित परिवार से सच्चाई छिपाए तो समझ लीजिए दोषी कौन है?”

उन्होंने कहा कि यह तो सभी के सामने है कि घटना कब हुई और परिवार को इसके बारे में कब बताया गया। तब बताया गया, जब उसका सबकुछ खत्म हो चुका था। अखिलेश ने कहा, “मेरा तो मानना है कि पुलिस के माध्यम से हत्या हुई है। यह कोई मामूली घटना नहीं है। इस सरकार को पीड़ित परिवार को कम से कम पांच करोड़ रुपये की मदद देनी चाहिए।”

सपा प्रमुख ने कहा, “इसके बाद भी सरकार की भाषा तो सुनो। मंत्री कैसी भाषा इस्तेमाल करते हैं, इस पर गौर करो।” उन्होंने कहा, “योगी की पुलिस पर पहली बार उंगली नहीं उठी है। सुमित गुर्जर की घटना को सभी जानते हैं। नोएडा में ही एक नौजवान को पुलिस ने गोली मार दी थी। अलीगढ़ की घटना आप लोग जानते हैं।”

मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या की ओर ध्यान खींचते हुए अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार में तो जेल में ही हत्या हो जाती है। अपराधी है तो क्या जेल में ही मार देंगे? जब पुलिस ही सजा दे देगी तो अदालत किसलिए है? उन्होंने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त सजा होनी चाहिए। लोकतंत्र में एक ही सजा है कि ऐसी सरकार हटे।

उन्होंने संत-महंत मुख्यमंत्री से सवाल किया, “सरकार में आप क्या लोगों को मारने के लिए हैं? यह सरकार तो लोगों में भय पैदा करने का काम कर रही है।” अखिलेश ने कहा, “प्रदेश में बेतहाशा कराए जा रहे एनकाउंटर मामले में तो सुप्रीम कोर्ट ने भी प्रश्नचिन्ह लगाया है। अब तो न्यायालय को विवेक तिवारी की हत्या पर भी स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। अभी तो बेकसूर जनता की जान रही है, हो सकता है कि कल हमारा-आपका नंबर भी आ जाए।”

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