चंडीगढ़ डेस्क/ परिवार में बढ़ते विवाद पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ने अपने बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। इंडियन नेशनल लोकदल की राज्य इकाई के प्रमुख अशोक अरोड़ा ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं व अजय चौटाला के छोटे भाई अभय सिंह चौटाला की मौजूदगी के बीच बुधवार को अजय चौटाला के निष्कासन के निर्णय की घोषणा की। अरोड़ा ने ओम प्रकाश चौटाला का पत्र पढ़कर फैसले की जानकारी दी। ओम प्रकाश चौटाला राष्ट्रीय राजधानी की तिहाड़ जेल में बंद हैं। पार्टी के नेतृत्व की बैठक 17 नवंबर को बुलाई गई है।
हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला व उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला को उनके दादा (ओम प्रकाश चौटाला) ने 2 नवंबर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित कर दिया था। दुष्यंत व दिग्विजय, अजय चौटाला के बेटे हैं। इसके बाद चौटाला वंश की कलह खुलकर सामने आ गई। तिहाड़ से पैरोल पर बाहर आए अजय चौटाला पार्टी बैठक व एक रैली के लिए समर्थन जुटाने के लिए हरियाणा के विभिन्न भागों की यात्रा कर रहे हैं। यह रैली जींद में 17 नवंबर को बुलाई गई है।
अजय चौटाला के निष्कासन पर उनके बेटे दिग्विजय चौटाला ने कहा कि यह पूरा कार्य एक ‘साजिश’ है और निष्कासन पत्र ‘फर्जी’ है। इससे पहले अपने निष्कासन को स्वीकार करने से इनकार करते हुए दुष्यंत ने कहा था कि न तो उनका निष्कासन आदेश आधिकारिक रूप से पार्टी द्वारा जारी किया गया और न ही पार्टी की कार्यकारिणी की इस मुद्दे पर बैठक बुलाई गई। दुष्यंत का कहना है कि उन्हें अपने निष्कासन की जानकारी सिर्फ मीडिया के जरिए मिली। दुष्यंत को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से भी हटा दिया गया है।
चौटाला परिवार की लड़ाई के बीच हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी विभाजन की तरफ बढ़ सकती है। दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला, पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के परपोते हैं। यह कार्रवाई दोनों युवा नेताओं व उनके समर्थकों के दुष्यंत को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश करने की कोशिश के बाद की गई है। ओम प्रकाश चौटाला व उनके बड़े बेटे अजय को 2013 के जूनियर बेसिक टीचर भर्ती घोटाले में दोषी करार दिया गया था। दिल्ली की सीबीआई अदालत ने दोनों को दस साल की जेल की सजा सुनाई है।