श्रीनगर डेस्क/ जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की तैयारी में है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) उसे बाहर से समर्थन दे सकती है। राज्य में 2002 जैसे समीकरण बन रहे हैं। उस वक्त भी पीडीपी-कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बाहर से समर्थन दिया था। यह सरकार पांच साल चली थी।
जम्मू-कश्मीर में इससे पहले मार्च 2015 में पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई थी। पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री रहे। उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती सीएम बनीं। यह गठबंधन सरकार इस साल जून तक चली। अभी वहां राज्यपाल शासन लागू है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे। नियमों के मुताबिक, इसे दोबारा नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है, लेकिन उसके लिए विधानसभा भंग करनी होगी।
बहुमत के लिए 44 विधायक होना जरूरी हैं। पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों की कुल संख्या 55 होती है। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस-पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर कहा, ‘‘हम पार्टियों का ये कहना था कि क्यों न हम इकट्ठे हो जाएं और सरकार बनाएं। अभी सरकार बनाने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन एक सुझाव के तौर पर बातचीत जारी है।’’
चर्चा थी कि भाजपा सज्जाद लोन की दो विधायकों वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को समर्थन दे सकती है। हालांकि, यह गठबंधन बहुमत के आंकड़े (44 विधायक) से काफी दूर था। ऐसी संभावनाओं को देखते हुए ही पीडीपी, नेकां और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में हैं।