नई दिल्ली डेस्क/ अमृतसर ट्रेन हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को, प्रतीत होता है कि ‘क्लीन चिट’ दे दी गई है। वह दशहरा के उस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं जिस दौरान हुए ट्रेन हादसे में करीब 60 लोगों की जान चली गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हादसे की जांच के लिए सरकार द्वारा विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए जालंधर संभागीय आयुक्त बी पुरुषार्थ ने कार्यक्रम का आयोजन करने वाले कांग्रेस के एक पार्षद के बेटे के साथ ही अमृतसर जिला प्रशासन, नगर निगम, रेलवे एवं स्थानीय पुलिस के अधिकारियों पर अभियोग लगाया।
दरअसल, 19 अक्टूबर को दशहरा था। उस दिन अमृतसर में जोड़ा फाटक के पास लोगों की भीड़ रावण दहन देख रही थी। उसी दौरान वहां से गुजरी एक तेज रफ्तार ट्रेन ने उन्हें कुचल दिया था। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच की 300 पन्नों की रिपोर्ट पिछले महीने पंजाब के गृह सचिव को सौंपी गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में जोर देकर यह कहा गया था कि कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिट्ठू मदान और सिद्धू परिवार के एक करीबी सहयोगी को उस स्थान पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए थी। रिपोर्ट में सुरक्षात्मक उपायों तथा कार्यक्रम आयोजन की अनुमति देने को लेकर अमृतसर प्रशासन एवं नगर निगम के अधिकारियों पर भी दोष लगाया गया। इसके अलावा इसमें पटरियों पर भारी भीड़ की मौजूदगी के बावजूद तेज रफ्तार वाली ट्रेन को हरी झंडी देने के लिए रेलवे की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए।
गृह विभाग ने आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट से जुड़ी फाइल मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के समक्ष पेश कर दी है। इस बीच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) इकबाल प्रीत सिंह सहोता मामले में जवाबदेही तय करने के लिए एक अलग जांच कर रहे हैं। पुरुषार्थ ने नवजोत कौर सिद्धू एवं रेलवे अधिकारियों समेत करीब 150 लोगों के बयान दर्ज किए जबकि ट्रेन के लोको पायलट को क्लीन चिट देने के लिए रेलवे पर सवाल उठाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखित में अपना बयान दिया है। विपक्षी अकाली दल ने इससे पहले मजिस्ट्रेटी जांच कराने की बात को खारिज किया था और नवजोत कौर सिद्धू एवं कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। उसने दावा किया था कि नवजोत कौर पीड़ितों की परवाह किए बिना मौके से कथित तौर पर चली गई थी।