असम डेस्क/ पूर्वी असम के तिनसुकिया जिले में शनिवार को युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के पांच से छह आतंकवादियों ने दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में सात लोग घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि यह हमला शुक्रवार रात को बामुनगांव में हुआ। मृतकों की पहचान किशोरी शाह (65) और उसके बेटे राजेश शाह (35) के रूप में हुई है।
फिलोबारी क्षेत्र में हजारों की संख्या में लोग ‘हिदी भाषी’ समुदाय पर हो रहे हमले के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं और निर्दोष नागरिकों की रक्षा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “असम में हिंदी भाषी समुदाय पर वर्ष साल 2000 से हमले हो रहे हैं। हालांकि, अभी तक राज्य सरकार ने तिनसुकिया और अन्य जिलों में निर्दोष लोगों को बचाने के लिए कुछ नहीं किया।”
स्थानीय लोगों ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फिलोबारी का दौरा करने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी शिकायत की कि पुलिस क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा संभावित हमले को लेकर सचेत थी, लेकिन उन्होंने पर्याप्त सुरक्षाबलों की तैनाती नहीं की। तिनसुकिया अधीक्षक मुग्धाज्योति देव महंत ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ हमले किए गए हैं और इन जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।