यूएन डेस्क/ संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि यह आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेही तय हो और आतंकी कृत्यों के षड्यंत्रकारियों को तत्काल न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने यह बात पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द्वारा किए गए पुलवामा हमले की कड़ी निन्दा दोहराते हुए कही। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारों से ‘‘आवश्यक रूप से’’ अधिकतम संयम बरतने की भी अपील की, ताकि स्थिति और न बिगड़ पाए ।
उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘महासचिव दक्षिण एशिया में स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। वह 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमले की अपनी कड़ी निन्दा को दोहराते हैं।’’उन्होंने कहा कि यह ‘‘आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेही तय की जाए और आतंकी कृत्यों के षड्यंत्रकारियों को तत्काल न्याय के कठघरे में लाया जाए।’’
बयान में कहा गया, ‘‘महासचिव का विश्वास है कि सभी मुश्किल चुनौतयों का समाधान सार्थक पारस्परिक बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्वक और संतोषजनक ढंग से हो सकता है।’’ नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच वार्ता को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव से स्वयं प्रक्रिया में शामिल होने को कहा है और क्या वह यह भूमिका निभाने जा रहे हैं, दुजारिक ने कहा, ‘‘जहां तक सिद्धांत की बात है…महासचिव का विश्वास है कि सभी मुश्किल चुनौतयों का समाधान सार्थक पारस्परिक बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्वक और संतोषजनक ढंग से हो सकता है।’’
उन्होंने दोहराया कि इसके लिए दोनों पक्षों को महासचिव के समक्ष अनुरोध करना पड़ेगा, चाहे नजरिया कुछ भी हो। मंगलवार को दुजारिक ने कहा था कि 40 सीआरपीएफ कर्मियों की जान लेने वाले पुलवामा हमले के चलते भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ‘‘बेहद चिंतित’’ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों पक्षों को अधिकतम संयम बरतना चाहिए।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा तनाव घटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से कदम उठाने का आग्रह किए जाने के बारे में पूछे जाने पर दुजारिक ने कहा था कि यह दोनों पक्षों के आग्रह पर ही किया जा सकता है। दुजारिक ने कहा, ‘‘महासचिव ने दोनों पक्षों द्वारा अधिकतम संयम बरते जाने और तनाव घटाने के लिए तत्काल कदम उठाने के महत्व पर जोर दिया ’’ तथा कहा ,‘‘दोनों पक्ष यदि संपर्क करते हैं तो वह हमेशा उपलब्ध हैं।’’