नई दिल्ली डेस्क/ जेट एयरवेज की पेरिशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं। परिचालन बंद होने के बाद उसके वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार इस्तीफा दे रहे हैं।
कंम्पनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) और उप-मुख्य कार्यकारी (डिप्टी सीईओ) अमित अग्रवाल ने भी अब अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिनों पहले ही कम्पनी के संस्थापक नरेश गोयल के करीबी माने जा रहे शीर्ष कार्यकारी गौरांग शेट्टी ने भी निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था।
एक नियामकीय फाइलिंग में जेट एयरवेज ने मंगलवार को कहा कि अमित अग्रवाल ने व्यक्तिगत कारणों से 13 मई, 2019 से कम्पनी से इस्तीफा दे दिया।
नकदी की कमी के कारण जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपने परिचालन को निलंबित कर दिया था। इसके बाद, सैकड़ों कर्मचारी प्रतिद्वंद्वी कम्पनियों में शामिल हो गए। कम्पनी विमान भी धीरे-धीरे विपंजीकृत होते जा रहे हैं। इन घटनाओं ने एयरलाइन के पुनरुद्धार के बारे में अनिश्चितताओं को बढ़ा दिया है।
एसबीआई की अगुवाई में जेट एयरवेज के ऋणदाता 8,400 करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि की वसूली के लिए एयरलाइन को बेचने की प्रक्रिया में हैं। निजी इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल, इंडिगो पार्टनर्स, नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्च र फंड (एनआईआईएफ) और एतिहाद एयरवेज को अपनी ईओआई देने के बाद अपनी बोली प्रस्तुत करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।
बोली जमा करने की अंतिम तिथि 10 मई को केवल एतिहाद ने अपना प्रस्ताव दिया और वह भी ग्यारहवें घंटे में। एयरलाइन के लिए लगाई गई अन्य दो बोलियां अनचाही थीं।
वेतन में देरी और एयरलाइन के पुनरुद्धार पर अनिश्चितता के कारण जेट एयरवेज के हजारों कर्मचारियों, विशेष रूप से पायलटों और इंजीनियरों ने दूसरी कम्पनी में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया।