लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करते हुए पावर कार्पोरेशन के 31 कार्मिकों के विरुद्ध अभियोजन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। ऊर्जा मंत्री के कदम से विभाग में हड़कंप मच गया है।
मंत्री के आदेश को यूपी पावर कार्पोरेशन और उसकी सहयोगी कंपनियों में कड़ाई से लागू किया जाएगा। जिन कार्मिकों के विरुद्ध उपभोक्ता उत्पीड़न या भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच लंबित है, उन पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिन अधिकारियों ने जांच या विजिलेंस के मामलों को जान बूझकर दबाकर रखा है, उन पर भी प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री के कड़े तेवर देखते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाइयों की समीक्षा करते हुए बताया कि ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विभाग में ईमानदार एवं अच्छी छवि के कार्मिकों को प्रोत्साहन दिया जाए तथा विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त किया जाए। उनके निर्देशों के अनुपालन में विभाग में चल रही जांचों को समयबद्ध तरीके से पूरा करके दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि पावर कार्पोरेशन द्वारा विद्युत आघात से मृत्यु, बिलों में हेराफेरी, आय से अधिक संपत्ति, घूस लेना, सामग्री का त्रृटिपूर्ण लेखांकन, विद्युत चोरी में संलिप्तता, राजस्व हानि पहुचाने एवं लापरवाही आदि अनियमितताओं में दोषी पाए गए 31 कार्मिकों के विरुद्ध अभियोजन चलाए जाने की अनुमति दी गई है।