लखनऊ डेस्क/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब ‘भ्रष्ट, दागी व प्रदर्शन नहीं करने वाले’ अधिकारियों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने को कहा है, अन्यथा उन्हें जबरन सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। हाल ही में मोदी सरकार ने इसी आधार पर 15 वरिष्ठ आईटी अधिकारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’ कर दिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भ्रष्ट व कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों की सरकार में कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने यह बात गुरुवार शाम सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने तीन निजी सचिवों के जनवरी में गिरफ्तारी का उल्लेख किया, जो कैमरे के सामने रिश्वत लेते हुए पकड़े गए थे। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यो के प्रति जीरो टालरेंस रखते हैं।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि विधान भवन, सचिवालय एनेक्सी और अन्य सरकारी भवनों में आने वाले ‘बाहरी लोगों’ को मोबाइल फोन लाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह आदेश हाल ही में मोबाइल रिकॉर्डिग का इस्तेमाल कई टीवी चैनलों द्वारा किए जाने के उदाहरणों के मद्देनजर आया है। ये रिकॉर्डिग सरकारी कर्मचारियों द्वारा खराब व्यवहार, सरकारी भवन में सफाई की कमी और कुछ विभागों में दलाल की मौजूदगी से जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नवनिर्मित लोक भवन में मीटिंग हॉल और ऑडिटोरियम के कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने विधान भवन व लोक भवन के आसपास से बैनरों, पोस्टरों व होर्डिग्स को हटाए जाने के आदेश दिए।