नई दिल्ली डेस्क/ मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की पहली बैठक में व्यापारियों व कारोबारियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए सालाना रिटर्न दाखिल करने की तिथि दो महीने बढ़ाकर अगस्त 2019 कर दी गई है।
नई कंपनियों के नामांकन प्रकिया का सरल बनाते हुए जीएसटी परिषद ने जीएसटी पंजीकरण के लिए 12 अंकों का आधार नंबर का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करने का फैसला लिया। कर चोरी पर रोक लगाने के मकसद से परिषद ने मल्टीप्लेक्स के लिए ई-टिकट जारी करना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद ने कंपनियों द्वारा कम जीएसटी दर का फायदा ग्राहकों तक हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का कार्यकाल दो साल बढ़ा दिया है। बैठक के बाद प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने इस फैसले को ग्राहक हितैषी बताया।
परिषद ने हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी घटाकर पांच फीसदी करने पर फैसला टाल दिया और इस मसले को आगे विश्लेषण के लिए अधिकारियों की समिति के पास भेज दिया। इलेक्ट्रिक चार्जर पर भी शुल्क कम करने के मसले पर अंतिम फैसला लेने से पहले समिति विचार करेगी।
उधर, सीमेंट कंपनियां और बिल्डर भी सीमेंट पर जीएसटी की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने के लिए जीएसटी परिषद को मनाने में विफल रहे। जीएसटी परिषद ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी कोई राहत प्रदान नहीं की।