लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश की जेलों में बीते दिनों अपराधियों द्वारा मौज-मस्ती के सोशल मीडिया पर वायरल किए गए वीडियो की घटनाओं से हुई किरकिरी के बाद अब प्रशासन जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने जा रहा है।
पुलिस महानिदेशक (करागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं) डी.जी. आनंद कुमार ने बताया कि 1300 पुलिस जवानों के प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल गई है। प्रदेश की 25 अतिसंवेदनशील जेलों में तालाशी और बाहरी सुरक्षा के जिम्मेदारी संभालेंगे। यह पुलिसकर्मी क्रमवार जेल में 24 घंटे मुस्तैद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि इन जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक पुलिस बल मुहैया कराएंगे। 45 दिन बाद इन सिपाहियों के स्थान पर दूसरे सिपाही लगेंगे। बड़ी जेलों में 50 सिपाही और छोटी जेल में 40 सिपाही दिए जाएंगे।
आईजी कुमार ने बताया कि जेल के मुख्य गेट से जाने वाले एवं पेशी के बाद वापस आने वाले कैदियों, तथा मिलने वाले लोगों की सुरक्षा के तलाशी लेकर ही भेजा जाएगा। जेलकर्मियों के साथ ही जेल में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की तलाशी लेंगे। इसके अलावा पुलिस जेल की बाहर की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। जेल में कोई उपद्रव या अप्रिय घटना होने पर स्थिति नियंत्रित न होने की दशा में जेल अधीक्षक पुलिस की मदद ली जाएगी।
बीते दिनों जेलों में सोशल मीडिया में अपराधियों के मौज-मस्ती के वीडियो ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। वीडियो की घटनाओं से अधिकारियों ने माना कि जेलों में मोबाइल और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पहुंचने में जेलकर्मियों की भूमिका है। इसी पर अंकुश लगाने के लिए डीजी (जेल) कुमार ने जेलों में कैदियों के साथ ही जेलकर्मियों की तलाशी के लिए पुलिस लगाने का फैसला लिया है।