प्रयागराज डेस्क/ उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में लॉ काॅलेज की छात्रा के यौन शोषण के आरोपी पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री चिन्मयानंद (73 साल) को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने संत समाज से निष्कासित करने का फैसला किया है। हालांकि, 10 अक्टूबर को हरिद्वार में होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में इस पर मुहर लगेगी। शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने चिन्मयानंद 4 अक्टूबर तक जेल भेज दिया था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, ”एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत समाज का माथा ऊंचा कर रखा है। वहीं, चिन्मयानंद ने अपने कृत्य से संत समाज को अपमानित किया। यह कृत्य निंदनीय ही नहीं, अक्षम्य भी है। इसके बाद चिन्मयानंद को संत कहने का कोई औचित्य नहीं है। इससे संत समाज की प्रतिष्ठा और मर्यादा को क्षति पहुंची है। संत समाज इस मामले से आहत है।”
दरअसल, रामरहीम प्रकरण से आहत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी संतों पर नकेल कसने की तैयारी की थी। परिषद का कहना था कि संत-महात्मा, बाबा के नाम पर आमजन की आस्था से खिलवाड़ और संतों की मर्यादा को धूमिल करने वाले तथाकथित बाबाओं को बेनकाब करना होगा। परिषद की बैठक के बाद फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की गई थी।