लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० कफील खान के खिलाफ अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार और कर्तव्य पालन में घोर लापरवाही करने के आरोपों पर जांच करने का आदेश दिया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त, 2017 के दौरान ऑक्सीजन की कमी से 60 से ज्यादा बच्चों की मौत होने के बाद कफील खान पर भ्रष्टाचार और चिकित्सकीय लापरवाही के आरोप लगाए गए थे। इन्हीं आरोपों के कारण कफील खान को नौ महीने जेल में रहना पड़ा था।
हालांकि एक आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने पाया कि डॉ0 खान मौतों के लिए दोषी नहीं थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑक्सीजन सप्लायर ने पेमेंट नहीं होने के कारण आपूर्ति में कटौती कर दी थी। लेकिन राज्य सरकार इसे सही नहीं मानती है। विभागीय जांच के लिए तत्कालीन प्रमुख सचिव (स्टाम्प) हिमांशु कुमार को जांच अधिकारी बनाया गया था। लंबे समय से चल रही जांच के बाद लगभग एक महीना पहले ही शासन को रिपोर्ट सौंपी गई थी।
बीते गुरुवार को प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) रजनीश दुबे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि डॉ० कफील को किसी ने क्लीन चिट नहीं दी है। अभी किसी भी विभागीय कार्रवाई में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। प्रमुख सचिव ने कहा कि चंद रोज पहले से डॉ0 कफील जिन बिंदुओं पर क्लीन चिट मिलने का दावा कर रहे हैं, उन बिंदुओं पर जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है। इसलिए क्लीन चिट की बात बेमानी है।