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‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ को बंद कराने की तैयारियां पूरी : डीजीपी ओपी सिंह

'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' को बंद कराने की तैयारियां पूरी : डीजीपी ओपी सिंह

लखनऊ डेस्क/ नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में सूबे की शांति भंग करने वालों से निपटने को योगी की पुलिस अपनी पर उतर आई है। राज्य में हुए अधिकांश हिंसा के लिए जिम्मेदार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई को काबू करने के लिए यूपी पुलिस ने जो फार्मूला निकाला है, अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इस फार्मूले का कोई ‘तोड़’ हाल-फिलहाल तो पीएफआई के पास नजर नहीं आता है। सूबे की हुकूमत और उसकी पुलिस का मानना है कि जब तक पीएफआई को काबू नहीं किया जाएगा, तब तक बे-वजह के बवाल-हिंसा होते रहेंगे।

सोमवार को इसकी पुष्टि खुद उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने की। डीजीपी ओ.पी. सिंह ने कहा, “यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में अब तक हम अलग अलग जगहों से पीएफआई के 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं। इससे साफ है कि इन दंगों के पीछे किसका प्रमुख हाथ है? पीएफआई के जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनसे कई और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। इन जानकारियों को फिलहाल ‘आम’ तो नहीं किया जा सकता है। हां, यह जानकारियां मगर बेहद चौंकाने वाली और देश में अशांति फैलाने वाली हैं। सबसे पहले शांति-भाई चारा जरूरी है। शांति-सद्भभाव रहेगा तो कानून-व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त रहेगी।”

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में फसाद तो देश के कई हिस्सों में हुए। देश की राजधानी दिल्ली के जामिया नगर, जाकिर नगर, सीलमपुर-जाफरबाद, दरियागंज इलाके भी जले। फिर यूपी पुलिस ही पीएफआई को लेकर इतनी सख्त क्यों? पूछे जाने पर सूबे के पुलिस महानिदेशक ने बताया, “दरअसल जब पानी सिर से ऊपर हो जाए तो उसे रोकना बेहद जरूरी है। इन दंगा-फसाद में यूपी पुलिस के पास इतने सबूत-गवाह आ चुके हैं, जो पीएफआई को पाबंद (प्रतिबंधित) करने/ कराने के लिए संपूर्ण हैं।” डीजीपी यूपी ओपी सिंह ने दोहराया, “जब काफी कुछ ठोस हाथ आया तभी यह कदम बढ़ाने की सोच पा रहे हैं।”

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