प्रयागराज डेस्क/ गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम की नगरी प्रयागराज में माघ मेला-2020 का श्रीगणेश पौष पूर्णिमा पर 10 जनवरी से होगा। जप, तप, स्नान, ध्यान और दान के कल्पवास की भी इसी दिन से शुरुआत हो जाएगी। यह मेला महाशिवरात्रि यानि 21 फरवरी तक चलेगा। मेला प्रशासन ने प्रथम स्नान पर्व पर 32 से 40 लाख तक श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है, जो मौनी अमावस्या के दिन करीब दो करोड़ तक पहुंचेगा। इस बार मेला क्षेत्र में भीख मांगने की इजाजत नहीं होगी। भिछुकों को हटाने के लिए भिक्षुक निरोधक दस्ते का गठन किया गया है। प्रशासन को अंदेशा है कि भिखारियों के भेष में अराजकतत्व मेले में आ सकते हैं।
माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की तादात को देखते हुए इस बार मेला क्षेत्र में तकरीबन 5 किलोमीटर लंबा स्नान घाट बनाया गया है। गंगा और यमुना किनारे कुल 16 स्नान घाट बनाए गए हैं। सबसे बड़ा संगम स्नान घाट है। सर्कुलेटिंग एरिया में 3 किलोमीटर के स्नान घाट की तैयारी चल रही है। महिलाओं के लिए 700 चेंजिंग रूम बन रहे हैं। 50 हाई मास्ट रोशनी के लिए लगाए गए हैं। रात में सभी स्नान घाट दूधिया रोशनी से जगमग दिखाई देंगे।
योगी सरकार ने माघ मेले के लिए 57,90,61,000 रुपए का बजट जारी किया है। कुंभ की सफलता के बाद प्रशासन को उम्मीद है कि, इस बार माघ मेले में ज्यादा श्रद्धालु आएंगे। इसलिए मेले का क्षेत्रफल पिछले साल की तुलना में 500 बीघा बढ़ाकर ढाई हजार क्षेत्रफल कर दिया गया है। डायल 112 डायल की 20 चार पहिया और 25 दोपहिया वाहनों को लगाया गया है। 174 सीसीटीवी कैमरों में पूरे मेले को कवर करने की कोशिश की गई है। ड्रोन कैमरे से भी मेले पर नजर रखी जाएगी। कुंभ मेले में पिछले वर्ष मात्र 12 थाने और 36 पुलिस चौकियां बनाई गई थी। जबकि इस बार 13 थाने और 29 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं।