लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को गंगा यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी कर्तव्य का निर्वहन करती तो यमुना भी उतनी निर्मल हो जाती जितनी कानपुर मे गंगा। मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब 2014 में काशी चुनाव लड़ने गये थे तो उन्होंने कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है। उन्होंने गंगा को स्वच्छ करने के लिए अपना वादा निभाते हुए नमामि गंगे परियोजना बनाई जिसकी वजह से कानपुर में भी गंगा निर्मल हो गयी।
उन्होंने कहा कि कानपुर में सीवेज का इतना गंदा पानी गिरता था कि पानी में ऑक्सीजन स्तर बहुत कम हो गया था और इससे वहां जलीय जीवों का अस्तित्व ही नहीं रहा था। उन्होंने बताया कि इसीलिए बिजनौर और बलिया से आज निकल रही दोनों गंगा यात्रा 31 जनवरी को कानपुर मे मिलेंगी क्योंकि कानपुर नमामि गंगे का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु था। मुख्यमंत्री ने गंगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गंगा से लगे इलाकों की जमीन इतनी उर्वर है कि विश्व की 40 प्रतिशत आबादी का पेट भर सकती है। उन्होंने गंगा किनारे के गांवों के किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बताया कि गंगा किनारे के हर जिले मे एक नर्सरी खुलेगी जिससे किसान खेत की मेड़ पर लगाने के लिए मुफ्त फलदार वृक्ष ले सकेंगे और मार्केटिंग भी सरकार कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा किनारे का जो किसान पूरी खेती मे फलदार वृक्ष लगाएगा उसे तीन वर्ष तक फल आने तक हर माह सरकार अनुदान देगी। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे के गांवो मे गौ आधारित खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा हर गांव मे गंगा मैदान, गंगा तालाब बनेंगे और नगर निकायों मे गंगा पार्क बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि पांच सौ वर्षों से अटके अयोध्या विवाद का भी अब हल हो गया है। मंदिर का मार्ग प्रशस्त हो गया। उन्होंने पहले कांवड़ यात्रा रोक दिए जाने की बात करते हुए कहा कि अब इस यात्रा के विशेष प्रबंध सरकार करती है।