फर्रुखाबाद डेस्क/ उत्तर प्रदेश में फरुर्खाबाद जिले के एक गांव में नौ घंटे से अधिक बंधक बनाए गए सभी 23 बच्चों को गुरुवार देर रात यहां की पुलिस ने छुड़ा लिया। बच्चों को एक सिरफिरे व्यक्ति ने बंधक बनाया था, जिसके पहले से आपराधिक रिकॉर्ड थे। बंधक बनाने वाले सिरफिरे की पहचान सुभाष बाथम के रूप में हुई है। पुलिस के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से उसकी मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी को हल्की चोटें आईं हैं, उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी पुष्टि एडीजी यूपी रामाशास्त्री ने की है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना मोहम्मदाबाद इलाके की है। बाथम ने करीब 20 बच्चों को एक पार्टी के लिए अपने घर पर बुलाया और फिर उन्हें अंदर बंद कर दिया। जब कुछ स्थानीय लोगों ने उसके घर का दरवाजा खोलने की कोशिश की तो उसने अंदर से गोली चलानी शुरू कर दी। इस दौरान गोली एक व्यक्ति के पैरों में जा लगी। वहीं बाथम ने खिड़की से एक कम प्रभाव वाला बम भी फेंका।
गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा, “कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने एक त्वरित कार्रवाई करने वाली टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया। आखिरकार नौ घंटे लंबे संघर्ष को खत्म किया।”
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्क किया गया था कि बंधक बनाए गए बच्चों को नुकसान न पहुंचे। बाथम की कैद से सभी 23 बच्चों को सुरक्षित बचने के बाद सभी के अभिभावकों ने राहत की सांस ली।