नयी दिल्ली डेस्क/ धनशोधन के एक मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री और सेना के पूर्व प्रमुख वी के सिंह के एक सहायक से आज पूछताछ की। यह मामला खुफिया एजेंसी रॉ को 22 करोड़ र. की लागत से ऊँचाई पर इस्तेमाल होने वाले तंबूओं की आपूर्ति में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एजेंसी के गुप्तचरों ने इस मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शंभू प्रसाद सिंह का बयान दर्ज किया है। उनसे पिछले हफ्ते भी पूछताछ की गई थी।
सूत्र बताते हैं कि विदेश राज्यमंत्री के सहयोगी पर लगे आरोपों के मुताबिक शंभू ने कथित तौर पर रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग की गुप्त इकाई के ऑर्डर को पूरा करने के लिए बैंक से 30 करोड़ रु० का कर्ज लिया था लेकिन बाद में उसने कर्ज नहीं चुकाया। इस मामले में साल 2014 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसके आधार पर एजेंसी ने पीएमएलए मामला दर्ज किया।
सूत्रों के मुताबिक यह मामला खुफिया एजेंसी रॉ की गुप्त इकाई एसएफएफ को साल 2009 से 2013 के बीच 22 करोड़ र. की लागत से ऊँचाई पर इस्तेमाल होने वाले तंबुओं की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार का है। सीबीआई ने साईं बाबा बिल्डर्स ऐंड कंसल्टेंट्स और इसके तीन निदेशक श्याम सुंदर भट्टर, जे पी एन सिंह और मंजरी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मंजरी शंभू की पत्नी है।