कानपुर डेस्क/ मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के साथी जय बाजपेयी को अपनी लक्जरी गाड़ी पर विधायक का सचिवालय का फर्जी पास का उपयोग करते हुए पाया गया है। बाजपेयी पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
जाहिर है ये पास उसे लखनऊ के इन शक्तिशाली गलियारों तक बिना किसी रोक-टोक के घूमने की अनुमति देता था। कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने कहा, इस संबंध में कानपुर के काकादेव पुलिस स्टेशन में जयकांत बाजपेयी और उसके सहयोगी राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420/467/468/471 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
बता दें कि 3 जुलाई को बिकरू गांव में घात लगाकर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में तीन लग्जरी वाहनों को जब्त किया गया था। इन पर काकादेव इलाके से पंजीकरण की नंबर प्लेट नहीं थी। बाद में जांच में पता चला कि एक ऑडी कार और एक फॉर्च्यूनर सहित कई वाहनों को स्थानीय व्यापारी जय बाजपेई द्वारा खरीदा गया था, लेकिन वे कई अन्य नामों पर पंजीकृत थे।
जब्त की गई फॉरच्यूनर गाड़ी बाजपेयी के सहयोगी राहुल सिंह के नाम से पंजीकृत है। उसी पर विधायक लिखा हुआ एक नकली सचिवालय पास लगा था। पुलिस प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच में पता चला कि ये पास नकली था। जय बाजपेई को दुबे का मुख्य फायनेंसर कहा जाता है और वह सत्ता के गलियारों में एक जाना-पहचाना चेहरा था। जय को 20 जुलाई को कानपुर से गिरफ्तार किया गया था।