TIL Desk/Lucknow/ संगीत नाटक अकादमी में आयोजित समारोह वर्ष 2003 से 2008 तक के चयनित कलाकारों साहित्य और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 79 कलाकारों को सम्मानित किया गया। लखनऊ (जेएऩएन)। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित अकादमी व रत्न सम्मान सोमवार को बांटा गया। रत्न सम्मान में प्रतीक चिन्ह व शॉल तो अकादमी पुरस्कार में प्रतीक चिन्ह, शॉल के अलावा दस हजार नकद पुरस्कार दिया गया। संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज सभागार में आयोजित समारोह वर्ष 2003 से 2008 तक के चयनित कलाकारों साहित्य और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 79 कलाकारों को सम्मानित किया गया।
समारोह की शुरुआत में कथक नृत्यांगना श्रुति, अंजलि व नीतू ने अपने शानदार भाव से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री अरुण कुमारी कोरी ने कहा कि लंबे समय से संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार नहीं बांटे गए थे, अब आगे ऐसा नहीं होगा। समारोह का श्रेय संस्कृति सचिव डॉ. हरिओम व एसएनए के अध्यक्ष अच्छेलाल सोनी को जाता है। वर्ष 2009 से 2016 तक के पुरस्कारों के वितरण के लिए जल्दी ही प्रयास किए जाएंगे।
रत्न सम्मान से सम्मानित विभूतियां
वाराणसी के छन्नू लाल मिश्र, लखनऊ के सआदत हुसैन, अनिल रस्तोगी को रत्न सम्मान से नवाजा गया। विलायत जाफरी की अनुपस्थिति में उनकी बेटी कृष्णा जाफरी ने सम्मान ग्रहण किया और मुद्राराक्षस का मरणोपरांत सम्मान उनके बेटे रोमी सिराज ने लिया। दिल्ली की सुलोचना बृहस्पति, सविता देवी, राजन साजन मिश्र, मुंबई के हरि प्रसाद चौरसिया, एन. राजम, अनूप जलोटा, गाजियाबाद के दया प्रकाश सिन्हा सम्मान लेने नहीं पहुंचे। उनका पुरस्कार उनके घर भेजा जाएगा।
इन्हें मिला अकादमी अवार्ड
वर्ष 2003
अफजाल हुसैन खां, शास्त्रीय गायन (कानपुर), गुलशन भारती, सुगम संगीत (लखनऊ) इकबाल अहमद सिद्दीकी, सुगम संगीत (लखनऊ) पंडित कृष्ण मोहन मिश्रा, कथक नृत्य (लखनऊ), पंडित कुमार लाल मिश्र, तबला वादन (वाराणसी), पंडित अवधेश कुमार द्विवेदी, पखावज वादन (बांदा), पद्मा गिडवानी, लोक गायन (लखनऊ), आतमजीत सिंह, अभिनय (लखनऊ) अनिल सिंह भौमिक, नाट्य निर्देशन (इलाहाबाद), पंडित अर्जुन मिश्रा, कथक नृत्य (लखनऊ), अमरनाथ मिश्र, सितार वादन (वाराणसी)।
वर्ष 2004
पंडित शिवनाथ मिश्र, सितार वादन (वाराणसी), पंडित राम मोहन महाराज, कथक नृत्य (दिल्ली), गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, तबला वादन (इलाहाबाद), रामजी लाल शर्मा पखावज वादन (रामपुर), विमल पंत, लोक गायन (लखनऊ), रीना टंडन, लोक गायन (लखनऊ) तथा अतुल तिवारी, नाट्य निर्देशन, (लखनऊ) को सम्मान मिला। पंडित चितरंजन ज्योतिषा, शास्त्रीय गायन, (वाराणसी) काजल शर्मा, कथक नृत्य(आगरा), मालिनी अवस्थी, लोक गायन (लखनऊ) सम्मान लेने नहीं पहुंचीं। वहीं जुगुल किशोर, अभिनय, (लखनऊ) के मरणोपरांत सम्मान मिला जो उनके बेटे ने लिया।
वर्ष 2005
पंडित बृज भूषण गोस्वामी, ध्रुपद गायन, (दिल्ली), राम कुमार चटर्जी, सुगम गायन (लखनऊ), वी बाला जी, वायलिन वादन, (वाराणसी), उर्मिल शर्मा, कथक नृत्य (इलाहाबाद), पंडित मदन मोहन उपाध्याय, तबला वादन (लखनऊ), दिनेश प्रसाद पखावज वादन (लखनऊ), परशुराम यादव, लोक गायन, (बलिया), आशा धस्माना, अभिनय (लखनऊ), ललित सिंह पोखरिया, (लखनऊ), मृदुला भारद्वाज, अभिनय (लखनऊ), चित्रा मोहन, नाट्य निर्देशन (लखनऊ)|
वर्ष 2006
पंडित विनोद कुमार द्विवेदी, ध्रुपद गायन, (कानपुर), पंडित संतोष कुमार मिश्र, सारंगी वादन (वाराणसी), रेनू श्रीवास्तव, कथक नृत्य (लखनऊ), पंडित रविनाथ मिश्रा, तबला वादन (लखनऊ), मीनू खरे, लोक गायन (लखनऊ), एमएन गुर्जर, अभिनय (वाराणसी), संध्या रस्तोगी, अभिनय (लखनऊ), हैदर बख्श, कव्वाली गायन, (लखनऊ), गोपाल सिंहा, रंगदीपन (लखनऊ), एच बसंत, संगीत संयोजन (लखनऊ), हरि प्रसाद सिंह, लोककला उन्नयन (गोरखपुर)
वर्ष 2007
सुधीर नारायण, सुगम संगीत (आगरा), पूनम निगम, कथक नृत्य (लखनऊ), शोभा कुदेसिया, तबला वादन (अलीगढ़), विक्रम बिष्ट, लोक गायन (लखनऊ), जेपी सिंह, लेखन नृत्य (गाजियाबाद), राकेश सिंहा, शास्त्रीय छायांकन (लखनऊ), अचला बोस, अभिनय (लखनऊ), केवल कुमार, संगीत संयोजन (लखनऊ), प्रदीप नाथ त्रिपाठी, कठपुतली (लखनऊ), अरुण कुमार भट्ट, तबला वादन (लखनऊ), कमलाकांत, रंग संगीत (लखनऊ)
वर्ष 2008
हरिमोहन श्रीवास्तव, बांसुरी वादन (लखनऊ), राजीव शुक्ला, तबला वादन (लखनऊ), अतुल यदुवंशी, लोक नाट्य नौटंकी (इलाहाबाद), यतींद्र मिश्र, लेखन-संगीत (अयोध्या), शक्ति मिश्रा, अभिनय (लखनऊ), मनोज कुमार वर्मा, रूप सज्जा (लखनऊ), अख्तर हसन, तबला वादन (दिल्ली), मो. हफीज, रंगदीपन (लखनऊ), स्वतंत्र काले, नाट्य निर्देशन (लखनऊ), मंगल यादव लेखन-लोक संगीत (चंदौली) को सम्मान मिला। दिल्ली की कथक नृत्यांगना शिखा खरे के स्थान पर उनकी मां कमल खरे ने सम्मान लिया। वहीं मुंबई के नाट्य कला निर्देशक मुनीश सप्पल समारोह में नहीं पहुंचे।