लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश सरकार ने शासन स्तर पर शीर्ष 10 अधिकारियों के तबादले देर रात कर दिए। जिसमें अपर मुख्य सचिव भर्जा अरविंद कुमार से विभाग की जिम्मेदारी छीन ली गई है। वहीं आलोक टंडन के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से रिक्त अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) पद का अतिरिक्त प्रभार मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को सौंप दिया गया है।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखे जाने के बाद इस विभाग में वषों बाद अपर मुख्य सचिव और पावर कारपोरेशन के सीएमडी के पद पर अलग-अलग आईएएस को तैनात किया गया है। अब कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा को जहां ऊर्जा व अतिरिक्त ऊर्जा विभाग का भी दायित्व सौंपा गया है, वहीं एम़ देवराज पावर कारपोरेशन के सीएमडी और जल विद्युत निगम व उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम तथा पारेषण निगम के अध्यक्ष बनाए गए हैं। हालांकि, अरविंद कुमार के प्रति सरकार का भरोसा बना हुआ है और उन्हें अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास के साथ आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की एक साथ जिम्मेदारी दी गई है।
विधानमंडल के बजट सत्र से पहले अपर मुख्य सचिव वित्त एवं वित्त आयुक्त संजीव मित्तल का तबादला करते हुए इस पद पर एस़ राधा चौहान को तैनात किया गया है। बजट की तैयारियों के बीच मित्तल को हटाने के पीछे वित्त विभाग की अड़ंगेबाजी वाली कार्यशैली को माना जा रहा है। एस़ राधा चौहान को अपर मुख्य सचिव वित्त एवं वित्त आयुक्त की नई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। राधा के पास महिला कल्याण तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग का अब अतिरिक्त प्रभार रहेगा।
इन तबादलों से सरकार ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि अफसरों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा स्वीकार नहीं होगी। दरअसल, संजीव मित्तल के खिलाफ वित्तीय प्रावधान के बावजूद वित्तीय आवंटन से जुड़े प्रस्ताव लटकाने की शिकायतें आम हो गई थीं। निवेशकों के वित्तीय प्रोत्साहन से जुड़े प्रस्तावों को लटकाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी टिप्पणी की थी और उनकी कार्यशैली को लेकर आगाह किया था।
मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्हें सचिव मुख्यमंत्री के साथ व्यावसायिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसी तरह अपर मुख्य सचिव, आवास, दीपक कुमार से नगर विकास विभाग ले लिया गया है। अब चिकित्सा शिक्षा से हटाए गए रजनीश दुबे को नगर विकास विभाग का अपर मुख्य सचिव बना दिया गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में अपर मुख्य सचिव के नियंत्रण में काम कर रहे प्रमुख सचिव आलोक कुमार द्वितीय अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में नेतृत्व देंगे।