देहरादून डेस्क/ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है और चार धाम देवस्थानम बोर्ड के नियंत्रण से 51 मंदिरों के प्रबंधन को मुक्त कराने और इसके गठन पर पुनर्विचार करने का फैसला किया है। तीरथ सिंह रावत ने यहां चल रहे कुंभ मेले के बीच बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैंने देवस्थानम बोर्ड के दायरे में आने वाले 51 मंदिरों को मुक्त करने का फैसला किया है। ” उन्होंने कहा कि सरकार बोर्ड के गठन के निर्णय की भी समीक्षा करेगी।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान, देवस्थानम बोर्ड को राज्य के 51 मंदिरों का प्रबंधन सौंपा गया था, जिनमें बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के चार प्रसिद्ध हिमालय मंदिर शामिल हैं। बता दें कि दिसंबर 2019 में तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया था। इस मामले को लेकर कुछ लोगों भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से भी संपर्क किया, जिन्होंने बाद में उत्तराखंड हाईकोर्ट का रूख किया और मंदिरों पर नियंत्रण करने के सरकार के फैसले को चुनौती थी। राज्य विधानसभा में विधेयक के उद्देश्य को बताते हुए, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा था कि मंदिरों के बेहतर प्रबंधन के लिए इस तरह का बोर्ड बनाना आवश्यक था।
वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत शुक्रवार को 57 वर्ष के हो गए। इस अवसर पर सोशल मीडिया पर उनके लिए शुभकामना संदेशों की झड़ी लग गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके स्वस्थ रहने और दीर्घायु होने की कामना की।
सभी लोगों ने मुख्यमंत्री को शुभकामना देते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में प्रदेश उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा। तीरथ सिंह रावत के जन्मदिन के मौके पर यहां श्रद्धानंद बाल वनिता आश्रम में एक यज्ञ भी किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ अपने जन्मदिन का केक भी काटा।