लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि राज्य में डॉक्टरों को केवल नैदानिक और चिकित्सकीय कार्यों के लिए तैनात किया जाना चाहिए, न कि प्रशासनिक या प्रबंधन कार्यों के लिए। उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट ग्रैजुएट्स को ऑफिस वर्क के लिए नियुक्त किया जाए, जिससे रोजगार बढ़ाने का अवसर मिले।
मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों के अधिकारियों को डॉक्टरों को प्रशासनिक पदों से मुक्त करने का निर्देश दिया है ताकि वे मरीजों की देखभाल कर सकें। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के स्वीकृत 18,700 पदों में से लगभग 30 प्रतिशत पद खाली हैं। जबकि राज्य में मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे को देखते हुए कम से कम 33,000 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 14,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की जरूरत है। महानिदेशक स्वास्थ्य के कार्यालय से उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि कम से कम 1,500 सरकारी डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर हैं।