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आज की पीढ़ी को मूल खेल सुविधाओं के लिये नहीं जूझना पड़ रहा है : गोपीचंद

आज की पीढ़ी को मूल खेल सुविधाओं के लिये नहीं जूझना पड़ रहा है : गोपीचंद

स्पोर्ट्स डेस्क/ राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों को अब मूलभूत सुविधाओं के लिये चिंता नहीं करनी पड़ रही है जिसके लिये उन्हें अपने खेल के दिनों में जूझना पड़ता था। आंध्र प्रदेश सरकार की यहां आयोजित कार्यशाला में गोपीचंद ने कहा, ‘‘मैं अपनी पूरी जिंदगी मूलभूत खेल सुविधाओं के लिये जूझता रहा। मुझे खुशी है कि आज की पीढ़ी को इसके लिये नहीं जूझना पड़ रहा है। खेलों का आज बहुत अच्छा भविष्य है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज के बच्चों में प्रतिभा है। दक्षता है। उन्हें अनुशासन का महत्व बताना है। इसके लिए खेल सबसे बेहतर तरीका और माध्यम है। बच्चे खेल में कब आगे आएंगे जब बेहतर आधारभूत ढांचा होगा। देश में विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी तो बच्चे निश्चित तौर पर खेलों में देश का परचम लहराएंगे। ’’ इस अवसर पर आंध्र प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि वह अपनी नयी राजधानी अमरावती में ऐसी स्पोर्ट्स सिटी बना रही है जो आने वाले समय में ओलंपिक खेल का आयोजन करने के मानक वाला भारत का पहला शहर होगा।

गोपीचंद ने कहा, ‘‘यह जरूरी नहीं है कि हम केवल चैपिंयन बनाए बल्कि ऐसा वातावरण बनाएं जहां पर बच्चे, युवा और बुजुर्ग खेल का आनंद हासिल कर पाएं। जिस देश में खेल अधिक लोकप्रिय होता है वहां पर आनंद या खुशी का स्तर भी बेहतर होता है। खेल जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। ’’ आंध्र प्रदेश कैपिटल रिजन डेवलपमेंट अथोरिटी के आयुक्त श्रीधर चेरूकुरी ने कहा स्पोटर्स सिटी का पहला चरण 2021 में पूरा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अमरावती में स्पोर्ट्स सिटी तैयार कर रहे हैं जो तीन चरणों में पूरी होगी। करीब 14 सौ करोड़ रूपये की लागत से यहां पर 20 एकड़ में बहुउद्देशीय खेल स्टेडियम, बहुउद्देश्यीय परिसर तैयार किया जाएगा। वहीं, 8.9 एकड़ में करीब 60 करोड़ रूपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर बनाया जाएगा। इस स्पोर्ट्स सिटी का पहला चरण 2021 में पूरा होगा। ’’

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