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उत्तर प्रदेश में सिर्फ 39 फीसदी उपभोक्ता मीटर से चुकाते हैं बिजली बिल

उत्तर प्रदेश में सिर्फ 39 फीसदी उपभोक्ता मीटर से चुकाते हैं बिजली बिल

लखनऊ डेस्क/ उत्तर प्रदेश में सिर्फ 39 फीसदी उपभोक्ताओं के घरों में बिजली के मीटर लगे हैं और उनको बिजली का बिल मिलता है जिसका वे भुगतान करते हैं। यह बात एक सर्वेक्षण में सामने आई है। ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि इनिशिएटिव फॉर सस्टेनेबल इनर्जी पॉलिसी (आईएसईपी) के सहयोग से 2018 के ग्रीष्मकाल में प्रदेश 90 गांवों और शहरी क्षेत्र के 90 वार्डो में एक सर्वेक्षण करवाया गया जिसमें 1,800 परिवारों को शामिल किया गया।

यह सर्वेक्षण 10 जिलों में करवाया गया था जिनमें अलीगढ़, अंबेडकरनगर, बांदा, बदायूं, कौशांबी, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर और सुल्तानपुर शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में बिजली की आपूर्ति करने वाली पांच कंपनियों में से चार कंपनियां इन जिलों में बिजली की आपूर्ति करती हैं। अध्ययन में कहा गया कि सरकार ने सौभाग्य योजना के तहत प्रदेश में शत प्रतिशत विद्युतीकरण की घोषणा की है, ऐसे में नया कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता खराब मीटर व्यवस्था, यदा-कदा बिल मिलने और बकाये की वसूली सही तरीके से नहीं होने के कारण बिजली वितरण कंपनियों पर ज्यादा वित्तीय बोझ बढ़ा सकते हैं।

मध्यांचल विद्युत निगम के निदेशक (वाणिज्य) ब्रह्मपाल ने कहा कि उपभोक्ता संतुष्टि व जागरूकता का स्तर जानने के लिए ऐसे सर्वेक्षणों की आवश्यकता है। मध्यांचल विद्युत निगम के रिसर्च फेलो और सर्वेक्षण रिपोर्ट के प्रमुख लेखक कार्तिक गणेशन ने बताया कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में महज 19 फीसदी उपभोक्ता मीटर से बिजली बिल का समय से भुगतान करते हैं।

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