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भाजपा के घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण का वादा, किसानों और दुकानदारों को पेंशन की बात

भाजपा के घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण का वादा, किसानों और दुकानदारों को पेंशन की बात

नई दिल्ली डेस्क/ दोबारा सत्ता में वापसी के लिए मेहनत कर रही भाजपा ने सोमवार को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में कई वादे किये हैं जिनमें राम मंदिर का तेजी से निर्माण, आतंकवाद से कड़ाई से निपटना, अगले तीन साल में किसानों की आय दोगुनी करना, 2030 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनान और संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने संबंधी वादे शामिल हैं।

भाजपा मुख्यालय में लोकसभा चुनाव के लिये पार्टी का संकल्प पत्र जारी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम देश को समृद्ध बनाने, सामान्य लोगों के सशक्तीकरण को लेकर जन भागीदारी को बढ़ाते हुए, लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देते हुए ‘एक मिशन, एक दिशा’को लेकर आगे बढ़ेंगे । मोदी ने कहा, ‘‘सरकार की सबसे बड़ी कसौटी यह नहीं है कि क्या दिया, बल्कि कसौटी यह होती है कि जो दिया वह अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं? हम आजादी के 75 साल में 75 लक्ष्य लेकर चले हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में एयर कंडीशन में बैठे लोग गरीबी को नहीं हरा सकते। गरीब ही गरीबी को हरा सकती है। यह हमारा मंत्र है और इसलिए गरीबों के सशक्तीकरण को हमने बल दिया है ।’’ उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसान उनकी सरकार के कार्यों के केंद्र में हैं और विकास को जनांदोलन बनाना लक्ष्य है । भाजपा ने इस दौरान पांच साल के कामकाज का लेखा जोखा भी रखा। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि जब भी भारत का इतिहास लिखा जाएगा, 2014 से 2019 के पांच साल स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे।

उन्होंने जोर दिया, ‘‘ हमारी सरकार को बुनियादी जरूरतों को जनता तक पहुंचाने में सफलता मिली है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम मोदी सरकार ने किया है।’’ शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम मोदी सरकार ने किया है। 2004 से 2014 तक भारत का गौरव हमेशा नीचे गया और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने देश को एक निर्णायक सरकार दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक महाशक्ति के तौर पर उभरकर सामने आया है। मुझे उम्मीद है कि मोदी जी के नेतृत्व में राजग के सभी दल फिर से आगे बढ़ेंगे और सरकार बनाएंगे। ’’ केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी की संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के मन की बात इस संकल्प पत्र में समाहित की गयी है और जहां जरूरी हुआ है वहां बदलाव करने में भी हमने कोई संकोच नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जनता की हिस्सेदारी को संकल्प पत्र का अहम हिस्सा माना है, साथ ही जन भागीदारी को भी सुनिश्चित किया है। हमने करीब 6 करोड़ लोगों से इस अपने संकल्प पत्र को लेकर बात की है। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव होते हैं, राजनीतिक पार्टियां घोषणापत्र जारी करती हैं। पहले जो भी वादे अन्य पार्टियों ने किए, वे थोड़े भी पूरे हो गए होते तो भारत आज बहुत आगे होता।

इस अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘‘हमने 2014 के संकल्प को पूरा करने का प्रयास किया है। अभी जो हमारा संकल्प पत्र है, वह ‘टुकड़े-टुकडे गैंग’ की सोच वाला नहीं है बल्कि मजबूत राष्ट्रवादी सोच से तैयार किया गया है ।’’ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में अनिर्णायक माहौल था और मजबूर सरकार थी। तब भाजपा और हमारे उम्मीदवार नरेंद्र मोदी उम्मीद की तरह आए। आज माहौल बदल चुका है। हम डिलीवर करने वाली सरकार बने हैं। सायबर स्पेस से आउटर स्पेस तक हमने बढ़त बनाई है।’ उन्होंने कहा कि ये पहले 5 साल हैं जब देश दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना। इतिहास में पहली सरकार है, जिसने गरीबी को सबसे तेजी से खत्म करने का काम किया है।

जेटली ने जोर दिया कि पुरानी सरकारों ने सिर्फ नारे दिए। हमारी सरकार ने नतीजे दिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘हमारे शीर्षक और दूसरों के शीर्षक का अंतर समझें। आज हम घोषणा करने नहीं आए हैं, बल्कि संकल्प का भरोसा देने आए हैं।’’ उन्होंने कहा कि जब वह कहती हैं कि हमने 34 करोड़ बैंक खाते खोले हैं तो लोग चौंक जाते हैं। पुरानी सरकार में रोज 12 किलोमीटर हाइवे बनते थे इस सरकार में 29 किमी रोज बनते हैं। भारत की उपलब्धि के बारे में जानकर विदेश में लोग चौंक जाते हैं। विदेश के लोग शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में भी जानकर चौंक जाते हैं।

सुषमा ने इस दौरान पांच देशों से प्रधानमंत्री को सम्मानित किये जाने और पाकिस्तान की अपत्ति के बावजूद ओआईसी देशों के सम्मेलन में आमंत्रित किये जाने का भी जिक्र किया । उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपसे कहना चाहती हूं कि हमारे संकल्प पत्र की तुलना बाकी पार्टियों के घोषणा पत्र से भी करें। हम मजबूत सरकार की वकालत कर रहे हैं, वे गठबंधन के नाम पर मजबूर सरकार की वकालत कर रहे हैं।’’

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