अयोध्या डेस्क/ अयोध्या में शुक्रवार को रामलला चांदी के झूले में विराजमान होंगे। सावन शुक्ल पंचमी यानी शुक्रवार (13 अगस्त) को वैकल्पिक गर्भगृह में उनका झूला पड़ेगा, जिस पर रामलला सहित चारों भाइयों का विग्रह स्थापित कर झुलाया जाएगा। रामलला के लिए चांदी का झूला तैयार किया गया है।
श्रीराम तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से 21 किलो चांदी का झूला रामलला के लिए बनवाया गया है। इस झूलोत्सव की शुरुआत पंचमी से होगी। अयोध्या के सभी मंदिरों में तीज से ही झूलन उत्सव की शुरुआत हो जाती है, लेकिन राम मंदर में पंचमी से झूलन उत्सव की परंपरा है। श्रावण झूलोत्सव की परंपरा के तहत श्रीराम लला झूले पर पंचमी को विराजमान होते हैं। इस दौरान उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं।
ट्रस्ट की ओर से मिली जानकारी के अनुसार अयोध्या में श्रावण झूलोत्सव की परंपरा है। श्रावण शुक्ल तृतीया से पूर्णिमा तक सभी मन्दिरों में भगवान श्रीराम झूले पर विराजते हैं। उनके लिए मंगल गीत गाए जाते हैं। उसी परंपरा के अनुरूप भगवान श्री रामलला जी को आज यह 21 किलो चांदी का झूला समर्पित किया गया है।
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार रामलला सहित चारों भाइयों के विग्रह को झूले पर स्थापित किए जाने से पूर्व विशेष पूजन किया जाएगा। ज्ञात हो कि नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम फैसला आने के साथ न केवल मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, बल्कि रामलला के दरबार में वह सारे उत्सव होने लगे हैं, जो वैष्णव आस्था के शीर्ष केंद्र पर होने चाहिए।