लखनऊ डेस्क/ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को 10 जुलाई, 2015 को मोबाइल पर दी गई कथित धमकी मामले में दर्ज मुकदमे में लखनऊ पुलिस ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को दोषी नहीं माना है। पुलिस ने फिर से इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। बीती 12 अक्टूबर को सीजेएम लखनऊ को भेजी अपनी रिपोर्ट में विवेचक सीओ (बाजारखाला) अनिल कुमार यादव ने कहा कि 26 जुलाई के सीजेएम कोर्ट के आदेश पर वह 4 अगस्त, 2018 को 3/111ए सुशांत गोल्ड सिटी, अंसल कॉलोनी, थाना गोसाईंगंज स्थित मुलायम सिंह के आवास गए थे, जहां मुलायम सिंह ने अपनी आवाज का नमूना देने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि यह उन्हीं की आवाज है।
विवेचक ने कहा कि मुलायम सिंह ने उनसे कहा, ‘मैंने मात्र बड़े होने के नाते अमिताभ को समझाया थाए मेरी मंशा उन्हें धमकी देने की नहीं थी। अमिताभ ने बढ़ा-चढ़ाकर आरोप लगाया।’ सीओ ने कहा कि तमाम विवेचना के बाद अपराध के समर्थन में सुसंगत साक्ष्य नहीं होने के कारण मुकदमे में पूर्व में भेजी गई अंतिम रिपोर्ट का समर्थन किया जाता है। साथ ही फर्जी अभियोग दर्ज कराए जाने के संबंध में अमिताभ के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 के तहत कार्यवाही की संस्तुति की जाती है।
सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 15 नवंबर तय कर दी है। पहले भी उपनिरीक्षक कृष्णानंद तिवारी ने इस मामले में 12 अक्टूबर 2015 को अंतिम रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर अमिताभ ने प्रोटेस्ट पेटीशन दायर किया था। इस पर तत्कालीन सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने 20 अगस्त, 2016 को अंतिम रिपोर्ट को निरस्त करते हुए दोनों पक्षों के आवाज के नमूने लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में परीक्षण करवाने का आदेश दिया था।