State, Uttar Pradesh, हिंदी न्यूज़

उप्र नागरिकता के लिए प्रवासियों की सूची बनाने वाला पहला राज्य होगा

उप्र नागरिकता के लिए प्रवासियों की सूची बनाने वाला पहला राज्य होगा

लखनऊ डेस्क/ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रवासियों को नए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नागरिकता देने के लिए सूचीबद्ध करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बनने की तैयारी में है। यह कवायद उन लोगों की भी पहचान करेगी जो राज्य में अवैध रूप से रह रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी के अनुसार, सभी 75 जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए गए हैं कि वे उन प्रवासियों की पहचान करें, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर दशकों से यहां बिना नागरिकता के रह रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि हालांकि, उत्तर प्रदेश में रहने वाले अफगानिस्तान के लोगों की संख्या कम से कम होगी, अनुमान है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से पर्याप्त संख्या ऐसे लोगों की हो सकती है, जो अपने देशों में सताए जाने के बाद यहां आकर बस गए थे। पाया गया है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए ये प्रवासी लखनऊ, हापुड़, रामपुर, शाहजहांपुर, नोएडा और गाजियाबाद में अधिक संख्या में हैं। अवनीश अवस्थी ने कहा, “सूची के संकलन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य सरकार के हस्तक्षेप से यह सुनिश्चित किया जा सके कि ‘वास्तविक प्रवासियों’ को देश की नागरिकता मिल रही हैं। इससे वह देश के नागरिक बन सकेंगे। ऐसा पहली बार है, जब इस तरह की सूची बनाई जा रही है। नागरिकता नए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के अनुसार प्रदान की जाएगी।”

राज्य सरकार राज्य में अवैध मुस्लिम प्रवासियों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अपडेट करेगी और उन्हें वापस उनके देशों में भेजा जा सकता है। हालांकि, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। नए नागरिकता कानून का व्यापक रूप से विरोध हो रहा है। इसके विरोध में कई हिंसक प्रदर्शन पूरे प्रदेशभर में देखने को मिले थे। हिंसा में 28 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह नया कानून भारत में रह रहे मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *