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कासगंज पीड़ित के पिता का दावा, चुप रहने के लिए दिए गए पैसे

कासगंज पीड़ित के पिता का दावा, चुप रहने के लिए दिए गए पैसे

कासगंज डेस्क/ कासगंज में 22 वर्षीय मुस्लिम लड़के की हिरासत में मौत का मामला दिन पर दिन तूल पकड़ता जा रहा है। यह आरोप लगाने के बाद कि उसे स्थानीय पुलिस को क्लीन चिट देने के लिए मजबूर किया गया था, मृतक के पिता, चंद मियां ने दावा किया है कि पुलिसकर्मियों ने उसे कागज पर अपना अंगूठा लगाने के लिए मजबूर किया और इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए 5 लाख रुपये नकद दिए थे।

चांद मियां का बेटा अल्ताफ पिछले हफ्ते मंगलवार को थाना के लॉकअप के वॉशरूम में कथित तौर पर 3 फीट ऊंचे पानी के पाइप से लटका पाया गया था। चांद मियां ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें बताया कि पैसा सरकार की ओर से है, इतना ही नहीं उनसे मामले को आगे नहीं बढ़ाने के लिए भी कहा। उन्होंने यह भी दावा किया कि गोराहा पुलिस चौकी पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें 500 रुपये के नोटों के बंडलों में नकदी मुहैया कराई गई थी।

चांद मियां ने कहा कि पैसा अभी भी उनके पास है। मैं इसे वापस करने के लिए तैयार हूं। मैं बस अपने बेटे के लिए न्याय चाहता हूं। पिता ने कहा कि पेपर में लिखा था कि उसका बेटा डिप्रेशन से पीड़ित था और उसने कोतवाली सदर थाने के लॉकअप के वॉशरूम में आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने कहा कि उनके रिश्तेदारों को भी इस मामले के बारे में मीडिया से बात न करने और शव को शांति से दफनाने की चेतावनी दी गई थी।

मृतक के अन्य रिश्तेदार ने कहा कि स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) वीरेंद्र सिंह इंदोलिया (अब निलंबित), कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के साथ, एक उप-मंडल मजिस्ट्रेट और एक स्थानीय कार्यकर्ता गोराहा पुलिस चौकी पर मौजूद थे, जब पैसा अल्ताफ के पिता को सौंपा गया था। कासगंज के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बोत्रे रोहन प्रमोद ने हालांकि आरोप से इनकार किया है। प्रमोद ने कहा कि पुलिस ने अल्ताफ के पिता को कोई नकद पैसा नहीं दिया है।

मामले के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा कि अभी तक मृतक के परिवार के लिए आर्थिक मुआवजे की कोई घोषणा नहीं हुई है। हमने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। हम अल्ताफ के परिवार के सदस्यों में से एक को नौकरी दिलवाने का भी प्रयास करेंगे।

अतिरिक्त डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि मुझे इस तरह के किसी भी लेनदेन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। भले ही पूरे मामले को कवर करने के लिए नकद सौंप दिया गया हो, यह अब अप्रासंगिक है। मृतक व्यक्ति के पिता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच का फोकस हिरासत में हुई मौत पर है। मामले में मजिस्ट्रियल और विभागीय जांच भी की जा रही है।

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