नई दिल्ली डेस्क/ क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिद्धू ने आज पंजाब में अपनी पार्टी आवाज़-ए-पंजाब के ऐलान के साथ ही अपनी नई राजनीतिक पारी का आगाज कर दिया। नवजोत सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस में अरविंद केजरीवाल को भी आड़े हाथ ले लिया। सिद्धू ने कहा कि राज्यसभा से इस्तीफे का केजरीवाल से कोई लेना देना नहीं है। मैंने केजरीवाल से कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए। पंजाब में सीटें मांगने वाली बात झूठी है। केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि सिद्धू ने कोई शर्त नहीं रखी है। केजरीवाल ने आधा सच बोला, मैं पूरा बताऊंगा। केजरीवाल मेरे घर मिलने आए थे। मैं केजरीवाल का मन टटोल रहा है, उसकी नियत समझ रहा था। आम आदमी पार्टी दो साल पुरानी है, बीजेपी 60 साल पुरानी है। केजरीवाल ने कहा आप चुनाव मत लड़े, घरवाली को चुनाव लड़वाओ। केजरीवाल ने कहा कि आप सिर्फ चुनाव प्रचार करो।
सिद्धू बोले कि जब मैंने केजरीवाल की बात अपनी पत्नी को बताई तो उसने केजरीवाल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया ये कहते हुए कि आप चनाव से बाहर कैसे हो सकते हैं। ये कैसे हो सकता है कि 4 बार का एमपी मैदान ही छोड़ दे। सिद्धू ने कहा कि केजरीवाल को लगता है कि उससे ज्यादा ईमानदार कोई नहीं। कोई उन पर उंगली उठाए तो उन्हें बर्दाश्त नहीं। वे भूल गए हैं कि दुनिया बहुत बड़ी है और वे अभी कुछ भी नहीं हैं।सिद्धू ने कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत लोगों को देनी है। जनता की आवाज बहुत बड़ी, उसमें भगवान की आवाज है। कोई नहीं चाहता कि मेरा कद बढ़े। डा. प्रताप सिंह कैरों मेरे आदर्श हैं। बाकी तो सभी एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं।
इससे पहले सिद्धू ने पंजाब में नए मोर्चे का आधिकारिक ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब को बदलने की चाहत रखने वाले लोग उनके साथ जुड़ें। नवजोत सिद्धू कहते हैं कि लोग चाहते हैं ऐसा नेता पंजाब में आए जो कमजोरी को ताकत में बदले। उनका पहला मंसूबा स्वार्थ छोड़कर पंजाब को जिताना है, पंजाब के हित में वोट डालना है। दूसरा मंसूबा पंजाबी जीतेगी, जात पात से ऊपर उठकर मानवीयता को पंजाबियत को जिताना है।